Monday, September 1, 2025
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ट्रंप के सलाहकार नवारो ने रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर फिर साधा निशाना, बोले-‘रूसी तेल से सबसे ज्यादा मुनाफा कमा रहे ब्राह्मण’

US India Tariff Tension: अमेरिकी राष्ट्रपति के सलाहकार पीटर नवारो ने फिर भारत पर रूस से तेल खरीद को लेकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे भारत के ‘ब्राह्मण’ मुनाफा कमा रहे हैं और इसे रोकना चाहिए। साथ ही मोदी को महान नेता बताते हुए रूस व चीन के साथ भारत के सहयोग पर सवाल उठाए।

US India Tariff Tension: अमेरिका के राष्ट्रपति के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर रूस से तेल की खरीद को लेकर भारत पर निशाना साधा है. उन्होंने ने अपने ताजा बयान में कहा कि रूस से तेल खरीद का फायदा भारत का ‘ब्राह्मण’ उठा रहा है और इसे रोकने की जरूरत है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक महान नेता हैं : नवारो

नवारो ने ‘फॉक्स न्यूज संडे’ से एक इंटरव्यू में कहा, देखिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक महान नेता हैं. उन्होंने कहा कि मोदी दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नेता हैं और उन्हें समझ नहीं आता कि भारतीय नेता किस तरह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ सहयोग कर रहे हैं. तो मैं बस इतना ही कहना चाहूंगा, भारतीय जनता कृपया समझिए कि यहां क्या हो रहा है. आपके पास ब्राह्मण हैं जो भारतीय लोगों की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं. हमें इसे रोकने की जरूरत है.’

भारत के खिलाफ लगातार जहर उगल रहे नवारो

नवारो व्यापार तथा शुल्क (टैरिफ) पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को लेकर वॉशिंगटन और नई दिल्ली के बीच रिश्तों में आई गिरावट के बाद पिछले कुछ दिनों से लगातार भारत को निशाना बना रहे हैं. ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क और रूसी तेल की खरीद के लिए अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाया है. भारत ने उस पर लगाए गए शुल्क को अनुचित और विवेकहीन बताया है.

नवारो से चीन द्वारा रूसी तेल की खरीद को लेकर सवाल किया गया था. उनसे इस बारे में भी सवाल पूछा गया था कि क्या भारत पर अतिरिक्त शुल्क लागू करना पुतिन को घुटने टेकने के लिए मजबूर करने के वास्ते पर्याप्त है. इस पर उन्होंने कहा, ‘खैर, साफ कहें तो हमने अब भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है, लेकिन चीन पर भी 50 प्रतिशत से थोड़ा अधिक शुल्क है. तो सवाल यह है कि आप वास्तव में खुद को नुकसान पहुंचाए बिना कितना अधिक शुल्क लगाना चाहते हैं?’’

रूसी रिफाइनरों ने भारत में बड़ी तेल कंपनियों के साथ साठगांठ की: नवारो

नवारो ने कहा कि फरवरी 2022 में पुतिन द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण से पहले भारत रूसी तेल नहीं खरीदता था और उसकी खरीद बहुत, बहुत कम मात्रा में होती थी. उन्होंने कहा, फिर क्या हुआ? खैर, रूसी रिफाइनरों ने भारत में बड़ी तेल कंपनियों के साथ साठगांठ की. पुतिन, मोदी को कच्चे तेल पर छूट देते हैं. वे इसे संशोधित करते हैं और फिर यूरोप, अफ्रीका तथा एशिया को ऊंचे दाम पर बेचते हैं तथा वे ढेर सारा पैसा कमाते हैं.’

भारत क्रेमलिन के लिए सिर्फ तेल धन शोधन केंद्र बन गया : नवारो

नवारो ने कहा, ‘अब, उस परिदृश्य में क्या गलत है? उन्होंने कहा कि इससे रूसी युद्ध मशीन को ईंधन मिलता है और भारत क्रेमलिन के लिए सिर्फ तेल धन शोधन केंद्र बन गया है. रूसी कच्चे तेल की अपनी खरीद का बचाव करते हुए भारत का कहना है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की परिस्थितियों से प्रेरित है.

यूक्रेन पर हमले के बाद जब से पश्चिमी देशों ने रूसी कच्चे तेल पर प्रतिबंध लगाए हैं तब से रूस भारत का शीर्ष ऊर्जा आपूर्तिकर्ता बन गया है. नवारो ने पहले यूक्रेन संघर्ष को ‘मोदी का युद्ध’ बताया था और कहा था कि ‘शांति का मार्ग’ आंशिक रूप से ‘नई दिल्ली से होकर’ गुजरता है.

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Premanshu Chaturvedi
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