बीतें कुछ सालों में कुत्तों के द्वारा लोगों पर हमले की इस तरह की घटनाएं हुई है कि जो चिंता पैदा करती हैं.आए दिन कुत्तों द्वारा मालिक या अन्य व्यक्ति पर हमले की घटनाएं सामने आती रहती हैं.यहां तक की कई बार आपने छोटे बच्चों को काटने की खबर भी सुनी होगी,इन घटनाओं के मद्देनजर केंद्र सरकार ने सुझाव दिया है कि पिटबुल,रॉटविलर,टेरियर, वोल्फ डॉग,मास्टिफ्स जैसी विदेशी नस्ल के कुत्तों के आयात,पालने और इनकी बिक्री पर रोक लगा दी जाए.
दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर एनिमल वेलफेयर बॉडीज और एक्सपर्ट्स की एक कमेटी गठित की गई थी.इस कमेटी ने केंद्र को सलाह दी है कि विदेशी नस्ल के कुत्ते भारत की परिस्थितियों में उग्र हो जाते हैं.जिसके बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को ये सलाह दी है कि इन कुत्तों के अलावा मिक्स और क्रॉस ब्रीड के अन्य कुत्तों पर भी रोक लगाई जानी चाहिए. केंद्र ने राज्यों से गुजारिश करते हुए कहा है कि स्थानीय निकाय ऐसे कुत्तों की ब्रिक्री और प्रजनन के लिए कोई लाइसेंस या परमिट जारी नहीं करें.इसके अलावा इनकी बिक्री पर रोक लगाई जाए.
इन विदेशी ब्रीड, क्रॉस ब्रिड के कुत्तों पर बैन लगाने की तैयार
पिटबुल टेरियर,तोसा इनु,अमेरिकन स्टेफोर्डशायर टेरियर, फिला ब्रासीलिरियो,डोगो अर्जेंटिनो,अमेरिकन बुलडॉग,बोएसबीए,कनगाल
सेंट्रल एशियन शेफर्ड,काकेशियन शेफर्ड, साउथ रशियन शेफर्ड,टोनजैक,सरप्लानिनैक, जापानी तोसा ऐंड अकिता, मास्टिफ्स,रॉटलवियर,टेरियर,रोडेशियन रिजबैक,वोल्फ डॉग्स, कनारियो,अकबाश,मॉस्को गार्ड,केन कार्सो.
कैसा होता है पिटबुल प्रजाति का डॉग ?
पिटबुल एक क्रॉस ब्रीड प्रजाति है.जो लोग जानवरों को पालने में रुचि रखते हैं उनके बीच इस डॉग को एक ‘गार्ड डॉग’ के रूप में जाना जाता है.यह एक गुस्सैल और आक्रामक प्रजाति मानी जाती है.यह बेहद चौकन्ना और फुर्तीला होता है.इसे शिकारी कुत्ता भी कहा जाता है.यह अपने क्षेत्र में किसी व्यक्ति को देखते ही आक्रामक और हमलावर हो जाते हैं.इसको शांत रखने के लिए बहुत अच्छी ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है.आपको बता दें कि दुनिया के करीब 41 देशों में इस नस्ल को पालना बैन है. ये वैसे तो पालतू हैं लेकिन गुस्सा आ जाने पर ये किसी के नहीं होते. इसी ब्रीड के कुत्ते ने लखनऊ की बुजुर्ग महिला पर अटैक कर उसकी जान ले ली.
कैसा होता है रॉटविलर प्रजाति का डॉग ?
रॉटविलर प्रजाति दुनिया की सबसे खतरनाक कुत्तों की प्रजाति में शामिल है.इन कुत्तों के शरीर की बनावट ही गठीली होती है.और ये बेहद शक्तिशाली होते हैं. रॉटवीलर अपने मालिक के प्रति काफी वफादार भी रहते हैं.आमतौर पर कुत्ते अगर किसी अंजान डॉगी को देख लेते हैं तो चिढ़ जाते हैं और भौंकने लगते हैं.कभी कभार वे आक्रामक भी हो जाते हैं.लेकिन रोटवीलर डॉग्स न सिर्फ अंजान कुत्तों, बल्कि अंजान लोगों को देख आक्रामक हो जाते हैं.ये प्रजाति कई देशों की पुलिस के साथ मिलकर अपराधियों को पकड़ने का काम करती है.कुत्तों की ये नस्ल अपनी फुर्ती के लिए जाने जाते हैं. ये बेहद शक्तिशाली हैं और किसी को भी झट से काट लेते हैं. इनका वजन 35 से 48 किलो के बीच होता है. इसे पालने पर भी कई देशों में प्रतिबन्ध लगा हुआ है. हालांकि, भारत में इसे कई घरों में पाला जाता है
टेरियर प्रजाति के डॉग की होती है ये खासियत
इंग्लैंड में 19 वीं सदी में पहली बार ये ब्रीड सुर्खियों में आई.शुरुआत में इन कुत्तों को लोमड़ियों का शिकार करने के लिए पाला जाता था.इस कुत्ते की गति और लोमड़ियों का शिकार करने की क्षमता वाकई काबिले तारीफ थी. छोटे आकार के कारण शिकारियों के लिए इसे ले जाना भी आसान था.इन कुत्तों के लिए 90 मिनट की एक्सरसाइज बेहद जरूरी है.ये बेहद ऊर्जावान होते हैं और इन्हें चलने-फिरने वाली जगह की जरूरत होती है. इन कुत्तों को टहलाने के लिए पार्क में जाने की सलाह दी जाती है
वोल्फ डॉग की खासियत
वोल्फ हाइब्रिड- इस ब्रीड को भेड़िये और कुत्ते के मेल से बनाया गया है. इनपर ज्यादातर देशों में प्रतिबन्ध लगा हुआ है. ऐसा इसलिए ये किसी पर भी अटैक कर देते हैं. इनके अटैक की वजह से अभी तक कई मौतों की खबर आ चुकी है. इनका वजन 36 से 56 किलो तक जाता है.