Diwali 2025 : दीपावली का त्यौहार हर साल कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है. यह केवल रोशनी का त्योहार नहीं है, बल्कि इस सुख, समृद्धि , शांति और परिवार की एकता का प्रतीक भी माना जाता है. इस साल दीपावली 20 अक्टूबर 2025 यानि आज मनाई जा रही है. आज के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है. आज के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है. आइए आपको बताते हैं लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
दिवाली पर पूजा का सबसे विशेष महत्व प्रदोष काल में माना जाता है, क्योंकि यही वह समय है जब मां लक्ष्मी के आगमन के लिए सबसे शुभ होता है। इस अवधि में की गई पूजा से घर में धन-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। उचित मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है.
दिवाली पर लक्ष्मी गणेश पूजन का मुहूर्त
दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन का सही समय अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि उचित मुहूर्त में किए गए पूजन से ही मां लक्ष्मी की कृपा और पूजन का पूर्ण फल प्राप्त होता है. पहला शुभ मुहूर्त प्रदोष काल का शाम 05 बजकर 46 मिनट से रात 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा, आप चाहें तो वृषभ काल में भी पूजा कर सकते हैं, जो शाम 7 बजकर 08 मिनट से रात 9 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। यह समय भी अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है।
लक्ष्मी पूजन का सबसे अच्छा मुहूर्त
दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त शाम 07:08 से रात 08:18 बजे तक का रहेगा। इस शुभ अवधि में करीब 1 घंटा 11 मिनट तक लक्ष्मी-गणेश पूजन किया जा सकता है.
लक्ष्मी पूजन की विधि
दिवाली के दिन सबसे पहले पूजा स्थल की साफ-सफाई करें. माता लक्ष्मी हमेशा स्वच्छ और पवित्र स्थान पर निवास करती हैं. दिवाली पर पूर्व दिशा या ईशान कोण में चौकी रखें. इस पर लाल या गुलाबी वस्त्र बिछाएं, पहले गणेश जी की मूर्ति को विराजमान करें. फिर उनके दाहिने और लक्ष्मी जी को रखें. आसन पर बैठें और अपने चारों ओर जल छिड़क लें. इसके बाद संकल्प लेकर पूजा आरम्भ करें. एक मुखी घी का दीपक जलाएं. फिर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को फूल और मिठाइयां अर्पित करें.इसके बाद सबसे पहले गणेश और फिर मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें.अंत में आरती करें, घर में दीपक जलाने से पूर्व थाली में 5 दीपक रखकर फूल आदि अर्पित करें, इसके बाद घर के अलग-अलग हिस्सों में दीपक रखें.