जयपुर। राजस्थान रोडवेज भले ही निशुल्क यात्रा और विभिन्न छूट देकर वाहवाही लूट रही हो, लेकिन इससे रोडवेज की हवा निकल गई है। इससे रोडवेज को जहां हर माह लाखों का नुकसान हो रहा है, वहीं रोडवेज के बेड़े में बसों की संख्या घटकर आधी रह गई है। कर्मचारियों को तीन माह में वेतन मिल रहा है।
घट रही रोडवेज, बढ़ रही जनसंख्या
जानकारों का कहना है कि वर्तमान में राजस्थान की जनसंख्या 78,230,816 है। इनके अनुपात में रोडवेज बसों की संख्या सिर्फ 2757 ही हैं। वहीं करीब 10 साल पहले इन बसों की संख्या 4357 थी। वहीं तब जनसंख्या 68,621,012 थी। यानी प्रदेश में जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है, वैसै ही बसों की संख्या घट रही है।
रोडवेज 50 श्रेणियों में दे रही छूट
वर्तमान में रोडवेज प्रबंधन की ओर से 50 श्रेणियों के तहत छूट दी जा रही है। इनमें निशुल्क श्रेणी के तहत कुष्ठ रोगी, लो-विजन, मानसिक रोगी व सहयोगी, मेंटल विनर पीएलआर, मानसिक विक्षिप्त, नेत्रहीन व सहयोगी, पद्मश्री प्राप्त व सहयोगी, स्वतंत्रता सेनानी की विधवा व सहयोगी, एससी व आदिवासी एरिया, श्रवण भाटी, स्टाफ पास, स्वतंत्रता सेनानी व सहयोगी, विशेष योग्यजन , खिलाड़ी व सहयोगी, आदिवासी क्षेत्र से शेड्यूल कास्ट की बालिका, एक्स स्टाफ, मेंबर आते हैं। वहीं श्रवण बाधित, असंक्रामक कुष्ठ रोगी, थैलीसीमिया व एड्स रोगी, हिमोफिलिया, अधिस्वीकृत पत्रकारों को राजस्थान राज्य की सीमा व दिल्ली तक वातानुकूलित वॉल्वो बसों में निशुल्क यात्रा, कैंसर रोगी को 75 फीसदी, थैलीसीमिया रोगी का सहयोगी, विद्यार्थी, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर पुरस्कृत शिक्षक, निगम के लाइसेंसधारी कुली को 50 फीसदी, वरिष्ठ नागरिक, महिला, धार्मिक पर्व व लक्खी मेला 30 फीसदी, आदिवासी जनजाति क्षेत्र में संचालित बसों में आदिवासी को 25 फीसदी किराए में छूट दी जा रही है। जबकि वांरट से श्रेणी में एमपी, एमएलए, एक्स एमपी, एक्स एमएलए, पुलिस वारंट, आबकारी वारंट, बाल सुधार कारागृह, जिला कारागृह, केंद्रीय कारागृह, महिला कारागृह, यूपी कारागृह को शामिल किया गया है। अब रेलकार्मिकों को भी छूट मिलेगी। इसके अलावा महिला दिवस और रक्षाबंधन पर भी महिलाओं को निशुल्क यात्रा कराई जाती है।