APEDA Corruption : नई दिल्ली। राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने एपीडा में अजैविक कृषि उपज को जैविक बताने को लेकर बड़े पैमाने का भ्रष्टाचार होने का दावा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस पूरे प्रकरण की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच कराये जाने की मांग की।
दिग्विजय सिंह ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
दिग्विजय सिंह ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि अजैविक उपज को जैविक बताकर एपीडा (कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) में बहुत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि अजैविक उपज को जैविक बताने के लिए किसानों के समूह बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे किसानों के समूह द्वारा पंजीकरण किया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस भ्रष्टाचार के प्रकरण में एपीडा के लोग फर्जी तौर पर उनके प्रमाण पत्र एकत्र करते हैं और किसानों को मालूम नहीं है कि उनको यह लाभ मिलने वाला है।
देश में इनऑर्गेनिक कृषि उपज को ऑर्गेनिक बताकर APEDA (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority) में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार चल रहा है।
— Congress (@INCIndia) December 16, 2025
इनऑर्गेनिक कृषि उपज को ऑर्गेनिक बताने के लिए किसानों के समूह बनाए गए हैं। इन किसानों के समूह के द्वारा… pic.twitter.com/lx5WSRxcTi
राज्य के निमाड़ क्षेत्र में अजैविक कपास पैदा होता है : दिग्विजय सिंह
सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में कपास के मामले में इस प्रकार का प्रकरण सामने आया। उन्होंने कहा कि राज्य के निमाड़ क्षेत्र में अजैविक कपास पैदा होता है। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर किसानों का समूह बनाया गया और किसानों को मालूम नहीं था कि वे इसके सदस्य बन गये हैं। उन्होंने दावा किया कि व्यापारियों ने इतना बड़ा भ्रष्टाचार किया है कि प्रमाण-पत्र लेने के बाद इसे विदेशों में चार गुना दाम पर बेचते हैं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि उन्होंने इस विषय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा था कि इससे विदेश में हमारी छवि बिगड़ रही है। उन्होंने कहा कि 11 भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध भी लगाया गया है।
सिंह ने कहा कि उन्होंने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से भी इस बारे में बात की थी, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि भारी भष्टाचार है। सिंह ने कहा कि लगभग 500 किसान समूहों की जांच करायी गयी, उसमें से केवल दो सही पाये गये। उन्होंने कहा कि 498 फर्जी समूह पाये जाने के बावजूद अभी तक केवल एक व्यक्ति के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की कि इस पूरे मामले की सीबीआई और ईडी से जांच करवायी जाए।




