बोले: अपराधियों के खिलाफ नियोजित तरीके से कार्रवाई कर रही राजस्थान पुलिस
जयपुर। प्रदेश में रेप, छेड़छाड़ आदि की लगातार सामने आ रही खबरों के बीच राजस्थान पुलिस का दावा है कि प्रदेश में महिला अपराध कम हो रहे हैं। राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उमेश मिश्रा ने सोमवार को कहा कि अपराधियों के खिलाफ नियोजित तरीके से कार्रवाई की जा रही है। यहां पुलिस मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं के प्रति अत्याचार के दर्ज मामले इस साल, वर्ष 2022 की तुलना में 0.78 प्रतिशत कम हुए हैं।
मिश्रा ने कहा कि राजस्थान पुलिस प्रदेश में अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई एवं कानून व्यवस्था मजबूत बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इस उद्देश्य के लिए राज्य में हार्डकोर अपराधियों, माफिया और आपराधिक गिरोहों के खिलाफ नियोजित तरीके से व्यापक कार्रवाई जा रही है।
21,320 अपराधियों की हुई गिरफ्तारी
मिश्रा ने बताया कि एक मार्च से शुरू किए गए राज्यव्यापी विशेष अभियान में 13 अगस्त तक विभिन्न अपराधों में वांछित 21,320 अपराधियों की गिरफ्तारी हुई, जिनमें जघन्य अपराध में वांछित 937 अपराधी शामिल हैं। राज्य में अपराध की स्थिति के बारे में मिश्रा ने बताया कि भादंस के मामलों में गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष मात्र 0.60 प्रतिशत की आंशिक वृद्धि हुई जो अनिवार्य पंजीकरण नीति की सफलता का परिचायक है।
डकैती की घटनाओं में 25 फीसदी की कमी
सक्रिय पुलिसिंग के परिणाम स्वरूप डकैती की घटनाओं में 25 फीसदी की कमी एवं लूट तथा सेंधमारी के प्रकरणों में नगण्य वृद्धि क्रमशः 0.15 एवं 0.13 प्रतिशत दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि महिलाओं से दुष्कर्म के प्रकरण वर्ष 2018 में 30.47 प्रतिशत न्यायालय के माध्यम से दर्ज किये गये थे। अनिवार्य पंजीकरण नीति के सकारात्मक प्रभाव के फलस्वरूप जुलाई, 2023 तक इनका प्रतिशत 14.13 रह गया।
दुष्कर्म के प्रकरणों की जांच 54 दिन में
महिला अत्याचार के मामलों में इस वर्ष 2022 की तुलना में 0.78 फीसदी की आंशिक कमी आई है। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के प्रकरणों की जांच में लगने वाला औसत समय वर्ष 2018 में 136 दिन था जो 2023 में घटकर 54 दिन रह गया है। महिला अत्याचार के प्रकरणों में अनुसंधान में लगने वाला औसत समय वर्ष 2018 में 113 दिन था जो वर्ष 2023 में 57 दिन रह गया है।