PM Modi on RSS Centenary: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) समाज के विभिन्न वर्गों के साथ मिलकर काम करता है, लेकिन इसकी विभिन्न शाखाओं के बीच कभी अंतर्विरोध नहीं होता क्योंकि ये सभी राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत पर काम करते हैं. RSS की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक डाक टिकट जारी करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक राष्ट्र की सेवा और समाज को सशक्त बनाने के लिए अथक प्रयास करते रहे हैं.
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "राष्ट्र साधना की इस यात्रा में ऐसा नहीं है कि संघ पर हमले नहीं हुए, संघ के खिलाफ साजिशें नहीं हुईं… हमने देखा है कि कैसे आजादी के बाद संघ को कुचलने का प्रयास हुआ। मुख्यधारा में आने से रोकने के अनगिनत षड्यंत्र हुए। परमपूज्य गुरुजी को… pic.twitter.com/2WFs3R0BRJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 1, 2025
‘RSS समाज के विभिन्न वर्गों के साथ मिलकर काम करता है’
उन्होंने कहा, ‘आज जारी किया गया स्मारक डाक टिकट एक श्रद्धांजलि है, जो 1963 के गणतंत्र दिवस परेड में गर्व से मार्च करने वाले RSS स्वयंसेवकों की याद दिलाता है. अपनी स्थापना के बाद से RSS ने राष्ट्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया है. आरएसएस समाज के विभिन्न वर्गों के साथ मिलकर काम करता है, लेकिन इसकी विभिन्न शाखाओं के बीच कभी कोई अंतर्विरोध नहीं होता क्योंकि ये सभी राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत पर काम करते हैं.’
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "राष्ट्र निर्माण का महान उद्देश्य… व्यक्ति निर्माण का स्पष्ट पथ… शाखा जैसी सरल, जीवंत कार्यपद्धति… यही संघ की सौ वर्षों की यात्रा का आधार बने। संघ ने कितने ही बलिदान दिये। लेकिन भाव एक ही रहा -राष्ट्र प्रथम लक्ष्य एक ही रहा -'एक… pic.twitter.com/uBpTXNyZpJ
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‘विविधता में एकता हमेशा से भारत की आत्मा रही है’
मोदी ने कहा कि RSS ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के विचार में विश्वास करता है, हालांकि आजादी के बाद इसे राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल होने से रोकने के प्रयास किए गए. उन्होंने कहा, ‘विविधता में एकता हमेशा से भारत की आत्मा रही है, अगर यह सिद्धांत टूटा तो भारत कमजोर हो जाएगा. चुनौतियों के बावजूद RSS मजबूती से खड़ा है और निरंतर राष्ट्र की अथक सेवा कर रहा है.’
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "संघ के बारे में कहा जाता है कि इसमें सामान्य लोग मिलकर असामान्य और अभूतपूर्व कार्य करते हैं। व्यक्ति निर्माण की ये सुंदर प्रक्रिया हम आज भी संघ की शाखाओं में देखते हैं। संघ शाखा का मैदान एक ऐसी प्रेरणा भूमि है, जहां स्वयंसेवक की अहं से… pic.twitter.com/epUl2tuH6C
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बता दें कि केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में नागपुर में RSS की स्थापना एक स्वयंसेवी संगठन के रूप में की थी जिसका उद्देश्य नागरिकों में सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा और सामाजिक उत्तरदायित्व को बढ़ावा देना था. मोदी स्वयं एक RSS प्रचारक थे और उन्होंने बीजेपी में शामिल होने से पहले एक कुशल संगठनकर्ता के रूप में अपनी पहचान बनाई थी. भाजपा की वैचारिक प्रेरणा हिंदुत्ववादी संगठन से मिलती है.
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "1963 में RSS के स्वयंसेवक भी 26 जनवरी की परेड में शामिल हुए थे। उन्होंने बहुत आन-बान-शान से राष्ट्रभक्ति की धुन पर कदमताल किया था…संघ के स्वयंसेवक… जो अनवरत रूप से देश की सेवा में जुटे हैं, समाज को सशक्त कर रहे हैं… इसकी भी झलक इस… pic.twitter.com/uUdjl4UY68
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