Delhi Red Fort Blast Case : नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को लाल किला विस्फोट मामले में सात आरोपियों की न्यायिक हिरासत 15 दिनों के लिए बढ़ा दी। अदालत ने डॉ. अदील राठेर, डॉ. मुजम्मिल गनई, डॉ. शाहीन सईद, मौलवी इरफान अहमद, जासिर बिलाल वानी, आमिर राशिद अली और शोएब को 15 और दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे पहले, तीनों चिकित्सकों और अहमद को 12 दिसंबर को 12 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। अली और वानी को 10 दिसंबर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
शोएब को 19 दिसंबर को पांच दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच सातों आरोपियों को उनकी पिछली न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर पटियाला हाउस अदालत में पेश किया। मीडियाकर्मियों को अदालती कार्यवाही कवर करने की अनुमति नहीं दी गई। सातों आरोपियों को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रशांत शर्मा के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उन सभी को आठ जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

एनआईए ने की 9वीं गिरफ्तारी
बता दें कि गिरफ्तार किया गया नौवां व्यक्ति यासिर अहमद डार, श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) के शोपियां का निवासी है। एनआईए की जांच से पता चला है कि 10 नवंबर को राजधानी में हुए कार बम धमाके की साजिश में यासिर की सक्रिय भूमिका थी। आतंकवाद रोधी एजेंसी की जांच से यह भी पता चला है कि यासिर इस मामले में अन्य आरोपियों, जिनमें उमर उन नबी (बम धमाके का मृतक अपराधी) और मुफ्ती इरफान शामिल हैं, के साथ घनिष्ठ संपर्क में था। लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास 10 नवंबर को विस्फोट हुआ था। एक विस्फोटक से लदी कार में हुए इस धमाके में 11 से 15 लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। धमाके को अंजाम देने वाला डॉ. उमर उन नबी खुद भी मारा गया था।
देश के कई हिस्सों में छापेमारी
विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम करते हुए एनआईए आतंकी हमले के पीछे की पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए लगातार तत्परता से काम कर रही है। इस महीने की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में कई आरोपियों और संदिग्धों के ठिकानों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया था। विभिन्न डिजिटल उपकरण और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की। इससे पहले फरीदाबाद (हरियाणा) में अल फलाह विश्वविद्यालय परिसर और अन्य स्थानों पर मुख्य आरोपी डॉ. मुज़म्मिल शकील गनी और डॉ. शाहीन सईद के ठिकानों पर भी इसी तरह की तलाशी ली गई थी।




