Delhi Blast Case : नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लाल किला विस्फोट मामले के संबंध में अपनी जांच के तहत मंगलवार को फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय और उसके प्रवर्तकों तथा संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ छापेमारी शुरू की। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी के दल सुबह से ही दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कई स्थानों पर तलाशी ले रहे हैं। ऐसी जानकारी है कि ईडी इस मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए धन शोधन निरोधक कानून के तहत कार्रवाई कर रही है। एजेंसी इस मामले में वित्तीय और कथित आतंकी वित्तपोषण संबंधों की जांच कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि तलाशी सुबह करीब पांच बजे शुरू हुई और विश्वविद्यालय के न्यासियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है। अब तक एनआईए ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर ‘‘आत्मघाती हमलावर’’ डॉ. उमर नबी के करीबी सहयोगी हैं। अल फलाह विश्वविद्यालय दिल्ली के निकट हरियाणा में फरीदाबाद जिले के धौज क्षेत्र में स्थित है और यह एक मेडिकल कॉलेज-सह-अस्पताल है।

एक आरोपी को 10 दिन की एनआईए हिरासत में भेजा
दिल्ली की एक अदालत ने लाल किला विस्फोट मामले के आरोपी आमिर राशिद अली को सोमवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की 10 दिन की हिरासत में भेज दिया। अली को कड़ी सुरक्षा के बीच पूर्वाह्न करीब 11.30 बजे पटियाला हाउस अदालत परिसर में नयी दिल्ली जिले की प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना के समक्ष पेश किया गया।मीडियाकर्मियों को अदालत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी। अदालत के सूत्रों ने बताया कि न्यायाधीश चांदना ने एजेंसी की अली से 10 दिनों तक हिरासत में पूछताछ करने की याचिका स्वीकार कर ली। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, दिल्ली पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवानों को अदालत परिसर में और उसके आसपास तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दंगा रोधी उपकरणों से लैस दल तैयार हैं। रविवार को मामले में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एनआईए ने कश्मीर निवासी अली को गिरफ्तार किया, जिसने कथित तौर पर ‘‘आत्मघाती हमलावर’’ डॉ. उमर उन नबी के साथ मिलकर आतंकी हमले की साजिश रची थी। संघीय एजेंसी ने बताया कि अली को राष्ट्रीय राजधानी में गिरफ्तार किया गया और जिस कार में विस्फोट हुआ था, वह उसके नाम पर पंजीकृत थी।
एनआईए की जांच में पता चला था कि जम्मू कश्मीर के पंपोर के संबूरा निवासी आरोपी ने ‘‘आत्मघाती हमलावर’’ नबी के साथ मिलकर आतंकी हमला करने की साजिश रची थी। एनआईए ने कहा कि अली कथित तौर पर कार की खरीद में मदद करने के लिए दिल्ली आया था, जिसका इस्तेमाल अंततः विस्फोट को अंजाम देने के लिए किया गया था। राष्ट्रीय राजधानी में 10 नवंबर को लाल किले के पास विस्फोटकों से लदी एक कार में हुए विस्फोट में 13 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। लाल किले के पास विस्फोट के लिए इस्तेमाल की गई कार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा का डॉक्टर उमर नबी चला रहा था। उमर का संबंध एक ‘‘सफेदपोश’’ आतंकी मॉड्यूल से था, जिसका भंडाफोड़ मुख्य रूप से हरियाणा के फरीदाबाद से विस्फोटकों की बरामदगी के बाद हुआ था।




