नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2021 में बलात्कार और हत्या की शिकार दलित लड़की की पहचान उजागर करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध वाली याचिका पर गुरुवार को पुलिस को अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया। गांधी पर पीड़िता के माता-पिता के साथ अपनी तस्वीर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा कर पीड़िता की पहचान उजागर करने का आरोप हैं। याचिकाकर्ता मकरंद सुरेश म्हादलेकर के वकील ने दलील दी कि गांधी ने गंभीर अपराध किया है लेकिन दिल्ली पुलिस ने अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के वकील ने कहा कि यौन अपराधों के नाबालिग पीड़ितों की पहचान छुपाने वाले कानून में किसी तरह की छूट नहीं है और पुलिस को प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करनी चाहिए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पुलिस के जवाब दाखिल करने के बाद कार्यवाही आगे बढ़ेगी। पीठ ने दिल्ली पुलिस से 10 दिनों में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध की।
गांधी की ओर से पेश वकील तरन्नुम चीमा ने कहा कि जनहित याचिका पर कांग्रेस नेता को अभी तक कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के वकील ने कहा कि संबंधित पोस्ट के बाद गांधी का अकाउंट अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था और बाद में पोस्ट को भी हटा दिया गया था। हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील ने आरोप लगाया कि सोशल मीडिया मंच गांधी को बचाने की कोशिश कर रहा है और पोस्ट को केवल भारत में हटाया गया है। वर्ष 2021 में, सामाजिक कार्यकर्ता म्हादलेकर ने नाबालिग दलित लड़की की पहचान कथित तौर पर उजागर करने के लिए गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था।