Thursday, May 22, 2025
HomePush NotificationAjmer Sharif Dargah के खातों की CAG ऑडिट पर अंतरिम रोक, दिल्ली...

Ajmer Sharif Dargah के खातों की CAG ऑडिट पर अंतरिम रोक, दिल्ली हाईकोर्ट ने कही ये बात

Delhi High Court ने अजमेर शरीफ दरगाह के खातों के CAG ऑडिट पर अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने पाया कि CAG अधिनियम की धारा 20 के तहत आवश्यक शर्तें पूरी नहीं की गईं।

Delhi High Court ने अजमेर शरीफ दरगाह के खातों के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा प्रस्तावित ऑडिट पर अंतरिम रोक लगा दी है. न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने राजस्थान के अजमेर स्थित अंजुमन मोइनिया फखरिया चिश्तिया खुद्दाम ख्वाजा साहब सैयदजादगान दरगाह शरीफ और एक अन्य पंजीकृत सोसायटी की याचिकाओं पर अंतरिम रोक लगाई.

न्यायालय ने 14 मई के अपने आदेश में याचिकाकर्ताओं की इस दलील को प्रामाणिक पाया कि मामले में CAG अधिनियम की धारा 20 के तहत आवश्यक शर्तें पूरी नहीं की गईं. यह प्रावधान कुछ प्राधिकरणों या निकायों के खातों के ऑडिट से संबंधित है.

28 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई

21 मई को उपलब्ध कराए गए आदेश में कहा गया है, ‘कैग की ओर से पेश अधिवक्ता ने यह भी बताया कि याचिकाकर्ता का ऑडिट अभी तक शुरू नहीं हुआ है. अंतरिम उपाय के तौर पर यह निर्देश दिया जाता है कि 30 जनवरी 2025 के पत्राचार के आधार पर कैग द्वारा सुनवाई की अगली तारीख तक कोई और कदम नहीं उठाया जाएगा.’ इसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई तय की.

CAG ने दरगाह के खातों के ऑडिट की अपनी प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि उसने कानून की प्रक्रिया का पूरी तरह पालन किया है.

याचिका में लगाया गया था ये आरोप

अदालत उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें आरोप लगाया गया था कि बिना किसी नोटिस या सूचना के कैग अधिकारियों द्वारा याचिकाकर्ताओं के कार्यालय परिसर में अवैध तलाशी ली गई या दौरा किया गया, जो नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कर्तव्य, शक्तियां और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 और सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के प्रावधानों के विपरीत है.

CAG ने अपने जवाब में कही ये बात

कैग ने अपने जवाब में कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने 14 मार्च, 2024 को याचिकाकर्ता को पहले ही सूचित कर दिया था कि दरगाह मामलों के प्रबंधन में सुधार के लिए केंद्रीय प्राधिकरण ने एक ऑडिट का प्रस्ताव किया है और इस तरह के ऑडिट के खिलाफ अभ्यावेदन का अवसर प्रदान किया है. भारत के राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है और वित्त मंत्रालय ने इस वर्ष 30 जनवरी को एक पत्र के माध्यम से कैग को इसकी जानकारी दे दी थी. हालांकि, याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि ऐसे ऑडिट के लिए कैग अधिनियम में निर्धारित अनिवार्य वैधानिक प्रक्रिया के अनुसार संबंधित मंत्रालय को कैग को एक पत्र भेजना चाहिए.

इसमें कहा गया है कि पत्र में याचिकाकर्ता सोसायटी का कैग द्वारा ऑडिट कराने की मांग की जानी चाहिए, इसमें इस बात का भी जिक्र किया जाना चाहिए कि किन नियमों एवं शर्तों के आधार पर ऑडिट किया जाना है, इतना ही नहीं उन नियमों एवं शर्तों पर कैग और संबंधित मंत्रालय के बीच सहमति होनी चाहिए तथा तत्पश्चात याचिकाकर्ता को नियम व शर्तें बताई जानी चाहिए, जिसके बाद वह संबंधित मंत्रालय के समक्ष अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का हकदार होगा. इसके अलावा, अंकेक्षण की शर्तों पर सहमति से पहले राष्ट्रपति या राज्यपाल की स्वीकृति भी आवश्यक है.

इसे भी पढ़ें: Salman Khan के अपार्टमेंट में अवैध तरीके से घुसने के आरोप में 2 लोग गिरफ्तार, पुलिस ने शुरू की पूछताछ

Premanshu Chaturvedi
Premanshu Chaturvedihttp://jagoindiajago.news
समाचारों की दुनिया में सटीकता और निष्पक्षता के साथ नई कहानियों को प्रस्तुत करने वाला एक समर्पित लेखक। समाज को जागरूक और सूचित रखने के लिए प्रतिबद्ध।
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular