नई दिल्ली। चुनाव से ठीक पहले दिल्ली की सीएम आतिशी पर दोहरी मुसीबत आ गई है. एक तरफ जहां दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन एवं लोकसेवकों को कर्तव्यों का पालन करने से रोकने के आरोप में मामला दर्ज किया. तो दूसरी तरफ दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ दर्ज मानहानि का एक मामला खारिज किए जाने के विरुद्ध BJP नेता की याचिका पर मुख्यमंत्री को नोटिस जारी किया है. दरअसल आतिशी ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों को खरीदने का प्रयास किया था जिसके विरोध में भाजपा नेता ने उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था.
दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया मामला
एक अधिकारी ने बताया कि आतिशी आम आदमी पार्टी (आप) के समर्थकों के साथ थीं जिन्होंने फतेह सिंह मार्ग पर एक अधिकारी को कथित रूप से उसका कर्तव्य पालन करने से रोका. उन्होंने बताया कि आप के 2 सदस्यों ने कथित रूप से पुलिस कांस्टेबल पर हमला किया. बता दें कि CM आतिशी दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (आप) की उम्मीदवार हैं.
पुलिस ने बताया क्यों दर्ज किया मामला ?
पुलिस अधिकारी ने बताया, ”हमने कालकाजी से ‘आप’ उम्मीदवार के खिलाफ गोविंदपुरी थाने में विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई तब की गई जब ‘आप’ उम्मीदवार 50-70 समर्थकों और 10 वाहनों के साथ फतेह सिंह मार्ग पर पहुंची थीं. पुलिस ने आतिशी को आदर्श आचार संहिता के दिशानिर्देशों के अनुसार क्षेत्र खाली करने का निर्देश दिया लेकिन उन्होंने एक अधिकारी को उसके कर्तव्यों का पालन करने से रोका.
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) (दक्षिणपूर्व) के आधिकारिक हैंडल से पोस्ट किया गया, ”सोमवार रात को 12 बजकर 59 मिनट पर बाबा फतेह सिंह मार्ग, गोविंदपुरी में एक सभा की सूचना मिली. हेड कांस्टेबल कौशल पाल ने इस पर कार्रवाई की और वीडियोग्राफी शुरू कर दी. आप सदस्य अश्मित और सागर मेहता ने पाल का रास्ता रोका और उन पर हमला किया.”
आतिशी ने सोशल मीडिया पर लिखी ये बात
आतिशी ने भी ‘एक्स’ पर पोस्ट कर अपने खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किए जाने के लिए निर्वाचन आयोग की आलोचना की. पोस्ट में उन्होंने दावा किया कि कालकाजी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रतिद्वंद्वी रमेश बिधूड़ी और उनके परिवार के सदस्य खुलेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.