Wednesday, November 12, 2025
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Delhi Red Fort Blast : 6 दिसंबर को विस्फोट करने का था डॉक्टर उमर नबी का मंसूबा, लेकिन इस वजह से अचानक बदला प्लान

लाल किला विस्फोट मामले में जांच से खुलासा हुआ कि कार चला रहा डॉ. उमर नबी छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर बड़ा धमाका करने की योजना बना रहा था। वह जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल का प्रमुख सदस्य था। साथी डॉ. मुज़म्मिल गनई की गिरफ्तारी से योजना विफल हुई। तुर्किये यात्रा के बाद दोनों कट्टरपंथी बने और अमोनियम नाइट्रेट जैसे विस्फोटक जुटा रहे थे। नबी की कार समयपूर्व विस्फोट से नष्ट हुई।

Delhi Red Fort Blast : नई दिल्ली/श्रीनगर। लाल किला के पास हुए विस्फोट में शामिल कार को घटना के दौरान चला रहा डॉ. उमर नबी का इरादा छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के आसपास एक शक्तिशाली विस्फोट करने का था। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फरीदाबाद स्थित अंतरराज्यीय जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) आतंकी मॉड्यूल से कथित संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किये गए आठ लोगों से पूछताछ तथा उनके परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों से बातचीत के आधार पर इस षडयंत्र के विवरण के बारे में पता चला। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के डॉक्टर नबी (28) के कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले आतंकवादी नेटवर्क का प्रमुख सदस्य होने की बात सामने आई है। वह 10 नवंबर को लाल किला के पास हुए विस्फोट में मारा गया, जिसमें 12 लोगों की जान चली गई।

मुसैब के कमरे से बरामद हुआ था 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट

फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले डॉ. मुज़म्मिल अहमद गनई उर्फ ​​मुसैब की गिरफ़्तारी के कारण उसकी योजना धरी की धरी रह गई। मुसैब के कमरे से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि नबी घबरा गया था और विस्फोट दुर्घटनावश हुआ था। अधिकारियों के अनुसार, नबी का शैक्षणिक रिकॉर्ड बहुत अच्छा था। उन्होंने दावा किया कि गनई के साथ 2021 में तुर्किये की यात्रा ने उसके अंदर नाटकीय बदलाव और कट्टरपंथ की भावना पैदा की। गनई जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गए आठ लोगों में पहला व्यक्ति था।

माना जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान दोनों की मुलाकात प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के सक्रिय कार्यकर्ताओं से हुई। यात्रा के बाद, बदले हुए नबी ने गनई के साथ मिलकर अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर सहित विस्फोटक कथित तौर पर इकट्ठा करना शुरू कर दिया तथा उन्हें अल फलाह परिसर में और उसके आसपास जमा करना शुरू कर दिया, जहां वह उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहा था। अधिकारियों के अनुसार, नबी ने दिसंबर में अपने आतंकी मंसूबे के बारे में दूसरों को बताया और 10 नवंबर को जिस हुंदै आई20 कार को वह चला रहा था, उसमें विस्फोटक सामग्री रखकर इसकी तैयारी शुरू कर दी थी।

इस वजह से घबरा गया था डॉक्टर नबी

अधिकारियों ने कहा कि ऐसा लगता है कि वह इंटरनेट पर उपलब्ध मुक्त स्रोतों से इसके निर्माण और विस्फोट करने में सहायक सर्किट के बारे में सीखने के बाद एक वाहन-आधारित संवर्धित विस्फोटक उपकरण (वीबीआईईडी) को तैयार कर रहा था। अधिकारियों के अनुसार, नबी 10 नवंबर को उस समय घबरा गया होगा, जब फरीदाबाद के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने टेलीविजन पर घोषणा की कि वहां 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद करके एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है। इस 2,900 किग्रा विस्फोटक में गनई के किराये के मकान से बरामद 360 किग्रा ज्वलनशील पदार्थ भी शामिल था। अधिकारियों ने बताया कि नबी ने चारदीवारी वाली एक मस्जिद में पनाह ली, जहां वह सोमवार शाम तीन घंटे रुका और फिर गाड़ी चलाते हुए निकल गया जिसमें समय से पहले ही विस्फोट हो गया। उन्होंने बताया कि वीबीआईईडी भी अधूरा था, क्योंकि छर्रे जोड़े जाने बाकी थे।

आतंकी नेटवर्क से जुड़े 8 लोगों को दबोचा

गिरफ्तार किये गए आठ लोगों में से सात कश्मीर से हैं। इनमें श्रीनगर के नौगाम से आरिफ निसार डार उर्फ ​​साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ ​​शाहिद, शोपियां से मौलवी इरफान अहमद, गांदरबल के वाकुरा इलाके से ज़मीर अहमद अहंगर उर्फ ​​मुतलाशा, पुलवामा के कोइल इलाके से डॉ. मुज़म्मिल अहमद गनई उर्फ ​​मुसैब और कुलगाम के वानपोरा इलाके से डॉ. अदील शामिल हैं। वहीं, डॉ. शाहीन सईद लखनऊ से है। अधिकारियों ने बताया कि 26 अक्टूबर को नबी कश्मीर गया था और फरीदाबाद लौटने से पहले अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ कुछ समय बिताया। उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान उसने अपने करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों से कहा था कि वह अगले तीन महीनों तक उपलब्ध नहीं रहेगा। उन्होंने बताया कि इस बयान की पुष्टि उसके कई दोस्तों, पूछताछ किये गए रिश्तेदारों और पुलिस के सामने पेश किये गए अन्य सह-आरोपियों ने की है।

ऐसा लगता है कि वह वीबीआईईडी की योजना बनाकर कुछ समय के लिए भूमिगत हो जाना चाहता था। हालांकि, श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के एक मामले में श्रीनगर पुलिस की गहन जांच के बाद गनई की गिरफ़्तारी होने पर योजना ने ‘यूटर्न’ ले लिया। ये पोस्टर 19 अक्टूबर को शहर की दीवारों पर चिपकाये गए थे। यहीं से जांच शुरू हुई। सीसीटीवी फुटेज में गनई और कुछ अन्य लोगों को इस कृत्य में शामिल देखा गया, जिसके बाद अंतरराज्यीय आतंकी नेटवर्क का पर्दाफ़ाश हुआ।

Mukesh Kumar
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