नई दिल्ली। भारत के दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सर्दी और खांसी के कफ सिरप के इस्तेमाल पर रोक लगाते हुए चेतावनी जारी की है। DCGI ने 18 दिसंबर को सभी राज्यों को पत्र लिखकर दो दवाओं क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्राइन के कॉकटेल का उपयोग करके बनाए गए सिरप की पैकेजिंग पर लेबलिंग इसी के मुताबिक करने को कहा है। बीते हफ्ते भी एक दवा को लेकर अलर्ट जारी किया था। दर्द निवारक के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली दवा मेफ्टाल स्पास को लेकर चेतावनी जारी की थी।
इन दोनों दवाओं के मिश्रण से तैयार किए गए सिरप या गोलियों का इस्तेमाल सामान्य सर्दी के लक्षणों के इलाज के लिए किया जाता है। यह प्रतिबंध सीरप के इस्तेमाल से दुनियाभर में 141 बच्चों की मौत के मद्देनजर लिया गया है। सभी ड्रग कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि इन दोनों दवाओं के इस्तेमाल से तैयार सिरप की लेबलिंग तुरंत अपडेट की जाए।
कंपनियों को पैकेजिंग पर चेतावनी लिखने के निर्देश
लेटर में कहा गया है, “समिति ने सिफारिश की है कि एफडीसी का इस्तेमाल 4 साल से कम उम्र के बच्चों में नहीं किया जाना चाहिए और तदनुसार कंपनियों को लेबल और पैकेज इंसर्ट पर इस संबंध में चेतावनी का उल्लेख करना चाहिए।”
कोकाटे समिति की सिफारिश के आधार पर निर्णय
राज्यों के लिखे गए लेटर में कहा गया कि क्लोरफेनिरामाइन मैलेट आईपी 2एमजी + फिनाइलफ्राइन एचसीआई आईपी 5एमजी ड्रॉप/एमएल की फिक्स डोज कॉम्बिनेश को प्रोफेसर कोकाटे की समिति की ओर से तर्कसंगत घोषित किया गया है और समिति की सिफारिश के आधार पर इस कार्यालय ने 18 महीने के नीतिगत निर्णय के तहत 17 जुलाई 2015 को विषय एफडीसी के निरंतर विनिर्माण और विपणन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किया है।
इन कंपनियों पर होगा असर
कई लोकप्रिय दवाएं या जहां अब यह चेतावनी शामिल की जाएगी वे हैं – ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड – टी-मिनिक, वानबरी लिमिटेड – कोरिमिनिक, एलेम्बिक फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड – विकोरिल एएफ, वानबरी लिमिटेड – कोरिमिनिक क्यूआर, ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड – एस्कोरिल फ्लू, इप्का लेबोरेटरीज लिमिटेड – सोल्विन कोल्ड एएफ, अन्य।
इसलिए किया गया इस पर संदेश जारी
DRESS सिंड्रोम कुछ दवाओं के कारण होने वाला एक गंभीर एलर्जी रिएक्शन है. इसके कारण त्वचा पर लाल रंग के चकते, बुखार आता है और लिम्फ नोड्स (लसिका ग्रंथि) सूज जाते हैं. ऐसा दवा लेने के दो से आठ हफ्ते के बीच हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्राइन के साइड फैक्ट में उल्टी, सिरदर्द, बेचैनी, चिंता, चक्कर आना, कंपकंपी, पीली त्वचा, उच्च रक्तचाप, दौरे, मस्तिष्क रक्तस्राव, घबराहट, पेरेस्टेसिया (झुनझुनी या चुभन की अनुभूति), पेट दर्द, एलर्जी प्रतिक्रिया, भूख कम लगना, धुंधली दृष्टि, सूखी नाक, सूखा गला, उत्तेजना, दाने आदि।
आदेश पर क्या बोले बाल रोग विशेषज्ञ
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेन गुप्ता से बातचीत की. उन्होंने बताया, “1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए क्लोरफेनिरामाइन मैलेट + फिनाइलफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड की सलाह नहीं दी जाती है। 2 से 4 साल के बच्चों के लिए सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करने को कहा जाता है। भले ही ये दवा लिखी गई हो, लेकिन इसका इस्तेमाल बहुत कम डोज और कम समय के लिए किया जाना चाहिए। बेहोश होने जैसे इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं। एसईसी की सिफारिश के बाद निर्णय लिया गया है और सभी निर्माताओं को लेबल और पैकेज इंसर्ट/प्रचार पर चेतावनियों का उल्लेख करने के लिए निर्देशित किया गया है कि एफडीसी का उपयोग 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में नहीं किया जाना चाहिए।