इनपुट: मतीष पारीक
जयपुर। नगर निगम ग्रेटर में डेयरी आवंटन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। माना जा रहा है कि अब राज्य सरकार की बेराजगारों के लिए डेयरी बूथों की आवंटन प्रक्रिया अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की कलह की भेंट चढ़ गई है। महापौर सौम्या गुर्जर ने डेयरी बूथों के आवंटन में शिकायत आने के बाद एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी को बूथ आवंटन में गड़बड़ी की शिकायतों की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट पेश करनी थी। लेकिन अब तो अधिकारियों ने डेयरी का आवंटन भी कर दिया और नया विवाद डेयरी आवंटन में प्रायोिरटी की अनदेखी का सामने आ गया।
प्रायोरिटी की भी नहीं की परवाह
ग्रेटर नगर निगम के अधिकारी, जनप्रतिनिधियों पर इतने हावी हो गए कि अपनी मर्जी से डेयरी बूथों की प्रक्रिया चलाई और डेयरी बूथों का आवंटन भी कर दिया। अधिकारियों ने मेयर के आदेशों की भी परवाह नहीं की। हद तो तब हो गई जब उन्होंने आवेदकों को मनमर्जी से ही आवंटन कर दिए। प्रायोरिटी से 10-15 किलोमीटर दूर डेयरी आवंटित कर दी।
शिकायत के तुरंत बाद आनन-फानन में मेयर सौम्या गुर्जर ने भी वाहवाही लूटने के लिए कमेटी का गठन तो कर दिया लेकिन बनाकर ही भूल गई। आवंटन में गड़बड़ी को कार्रवाई करने की बात करने वाली मेयर अचानक क्यों शांत हो गई। डेयरी आवंटन से जुड़े लोगों का कहना है कि महापौर और कमेटी ने शायद अब क्लीन चिट दे दी है, लेकिन क्यों दी इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है।
शिकायतकर्ता क्यों बैठे हैं शांत
नेता प्रतिपक्ष राजीव चाैधरी ने नगर निगम के अधिकारियों पर डेयरी आवंटन में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। लेकिन पहले उनको पता ही नहीं कि वे कमेटी के सदस्य हैं और अब जब पता चला तो अचानक वो गड़बड़ी कैसे ठीक हो गई। सवाल ये उठता है कि किसके कहने पर उन्होंने शिकायत की उस पर क्या कार्रवाई हुई ये उनको भी नहीं पता। शिकायतियों का कहना है कि जांच हो जाए तो कई मामले सामने आएंगे जिसमें आवंटन के समय प्रार्थी का नाम नहीं था और शिकायत के बाद वो नाम जुड़ गए।
शिकायतों को भी अधिकारी कर गए गोल
इस मामले को लेकर जब ग्रेटर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष राजीव चौधरी से बात की तो उन्होनें कहा कि प्रायोरिटी को लेकर आ रही शिकायतों पर भी निगम अधिकारी मनमर्जी चला रहे हैं। इतनी शिकायतों के बाद भी किसी अधिकारी ने जिम्मेदारी नहीं निभाई और डेयरी आवंटियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया। मेयर सौम्या गुर्जर कमेटी गठन को लेकर झूठ बोल रही हैं। उन्होंने कोई कमेटी नहीं बनाई। आवंटन में मेयर और अधिकारियों ने अपने चहेतों को डेयरी दिलवाई है। चुनाव नजदीक आ रहे हैं, मेयर और अधिकारी अपनी मनमर्जी कर रहे हैं।