Wednesday, September 10, 2025
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CP Radhakrishanan : 12 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद की शपथ ले सकते हैं सीपी राधाकृष्णन, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दिलाएंगी शपथ

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 12 सितंबर को राष्ट्रपति भवन में सी.पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिला सकती हैं। 67 वर्षीय राधाकृष्णन ने हाल ही में हुए चुनाव में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों से हराकर जीत दर्ज की थी। यह चुनाव 21 जुलाई को तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने के बाद कराया गया था।

CP Radhakrishanan : नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन को शुक्रवार को पद की शपथ दिला सकती है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संभावना है कि राष्ट्रपति 12 सितंबर को राष्ट्रपति भवन में एक औपचारिक समारोह में राधाकृष्णन को पद की शपथ दिलाएंगी। राधाकृष्णन (67) ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों से हराया। 21 जुलाई को तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने के कारण यह चुनाव कराया गया।

देश के 15वें उपराष्ट्रपति होंगे सी पी राधाकृष्णन

बता दें कि सीपी राधाकृष्णन देश के 15वें उपराष्ट्रपति होंगे। वे 12 सितंबर को पद की शपथ ले सकते हैं। एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन ने इंडिया ब्लॉक कैंडिडेट सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के अंतर से हराया। मंगलवार को हुए मतदान में 788 में से 767 (98.2%) सांसदों ने वोट डाला। राधाकृष्णन को 452 वोट और सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। 15 वोट अमान्य करार दिए गए। चुनाव में कम से कम 14 विपक्षी सांसदों के NDA के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की अटकलें हैं। दरअसल, NDA के पास 427 सांसद थे। वाईएसआर कांग्रेस के 11 सांसदों ने राधाकृष्णन को समर्थन दिया था। इन्हें जोड़कर 438 वोट ही बनते हैं। लेकिन राधाकृष्णन को 14 ज्यादा यानी 452 वोट मिले हैं।

भाजपा का दावा है कि विपक्षी दलों की तरफ से 15 क्रॉस वोटिंग भी हुई है और कुछ विपक्षी सांसदों ने जानबूझकर अमान्य वोट डाले। वोटिंग के बाद विपक्ष ने अपने सभी 315 सांसद एकजुट होने का दावा किया। हालांकि, नतीजों में ऐसा नहीं दिखा। राधाकृष्णन अटल बिहारी वाजपेयी के दौर में दो बार कोयंबटूर से सांसद बने। वे एक बार केंद्रीय मंत्री बनने के बेहद करीब थे, लेकिन एक जैसे नाम के कारण पार्टी प्रबंधकों से चूक हुई और एक अन्य नेता पोन राधाकृष्णन को पद सौंप दिया गया था।

Mukesh Kumar
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