Olympics 2036 : नई दिल्ली। खेल मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भारत की दावेदारी को लेकर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) के भावी मेजबान आयोग के साथ निरंतर बातचीत चल रही है। संगरूर से आम आदमी पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर के एक प्रश्न के उत्तर में मांडविया ने कहा कि पूरी बोली प्रक्रिया भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) संभाल रहा है। मंत्री ने निचले सदन में कहा, आईओए ने आईओसी को आशय पत्र सौंप दिया है। बोली अब आईओसी के भावी मेजबान आयोग के साथ निरंतर बातचीत चरण में है।
ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए बोली लगाना IOA की जिम्मेदारी
मंत्री ने हालांकि हेयर के इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या भारत कई स्थानों पर ओलंपिक की मेजबानी के लिए बोली लगा रहा है। हेयर ने पूछा कि क्या प्रस्तावित योजना में भुवनेश्वर में हॉकी, भोपाल में नौकायन, पुणे में कैनोइंग कयाकिंग और मुंबई में क्रिकेट का आयोजन करना शामिल हैं। मांडविया ने कहा, भारत में ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए बोली लगाना भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की जिम्मेदारी है और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) विस्तृत चयन प्रक्रिया से गुजरकर ओलंपिक की मेजबानी के अधिकार सौंपती है।

भारत ने हालांकि अपनी बोली में किसी शहर का नाम नहीं दिया है लेकिन गुजरात सरकार इसमें काफी दिलचस्पी दिखा रही है। उसके खेल मंत्री हर्ष संघवी उस भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जिसने पिछले महीने बोली पर चर्चा करने के लिए लुसाने स्थित आईओसी मुख्यालय का दौरा किया था। निरंतर बातचीत के चरण में आइओसी मेजबानी के दावेदारों की तैयारी का व्यावहारिक आकलन करती है। आईओसी अध्यक्ष क्रिस्टी कोवेंट्री ने फिलहाल मेजबान चयन प्रक्रिया को ‘‘रोक‘‘ दिया है।
ओलंपिक स्वर्ण विजेता पूर्व तैराक कोवेंट्री ने कहा कि जून में उनकी पहली कार्यकारी बोर्ड बैठक के दौरान सदस्यों के बीच आम सहमति थी कि प्रक्रिया का पुनर्मूल्यांकन किया जाए। इससे पहले भारत की बोली पर फैसला अगले साल होने की उम्मीद थी। भारत को कतर और तुर्किए जैसे देशों की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। कोवेंट्री ने जुलाई में कहा था, आईओसी सदस्यों ने भविष्य के मेजबान चयन प्रक्रिया की समीक्षा करने और इस पर रोक लगाने का समर्थन किया है और हम इस पर विचार करने के लिए एक कार्य समूह का गठन करेंगे। डोपिंग में भारत का खराब रिकॉर्ड आईओसी के लिए एक मुद्दा है, जिसने आईओए से सुधारात्मक उपाय करने को कहा है। आईओसी द्वारा फटकार लगाए जाने के बाद आईओए ने भारतीय खेलों में डोपिंग की समस्या से निपटने के लिए एक पैनल का गठन किया है।