नई दिल्ली। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर शुक्रवार को चर्चा की और नवरात्र के पहले दिन 15 अक्टूबर को प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की जा सकती है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई सीईसी की बैठक में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सीईसी के अन्य सदस्य, पार्टी महासचिव और मध्य प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ और कई अन्य नेता शामिल हुए। बैठक के बाद कमलनाथ ने कहा कि सीईसी की बैठक में 60 सीटों पर चर्चा हुई और आगे फिर चर्चा होगी। श्राद्ध के बाद उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी। सीईसी की बैठक में लगभग 60 सीटों पर विचार-विमर्श किया गया है। हम फिर से चर्चा करेंगे। इसके बाद उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी करेंगे। श्राद्ध के बाद सूची जारी करेंगे। हम उस रफ्तार से चल रहे हैं ताकि 15 अक्टूबर को अपनी सूची जारी कर सकें। जितनी चर्चा हो, उतना अच्छा है क्योंकि बहुत सारी चीजें उभरकर सामने आती हैं।
सुरजेवाला ने कहा कई सीटों को लेकर चर्चा हुई, बहुत सकारात्मक चर्चा हुई। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जिस तरह से समन्वय बना रहे हैं उससे लगता है कि कांग्रेस बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है। एक तरफ भाजपा की सिर-फुटव्ल है और दूसरी तरफ कांग्रेस का आत्म-विश्वास है।
इससे पहले 7 अक्टूबर को मध्य प्रदेश को लेकर सीईसी की बैठक हुई थी। उस बैठक में उम्मीदवारों के चयन पर चर्चा के साथ ही पार्टी ने यह भी तय किया था कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जाति आधारित जनगणना उसका मुख्य एजेंडा होगा। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए गठित, कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने पिछले महीने 2 दिनों की बैठक में संभावित उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया था। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा अब तक 136 सीट पर अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर चुकी है। उसने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते और पार्टी के कई अन्य सांसदों को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा जिले के बुधनी से उम्मीदवार बनाए गए हैं।
मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के आगामी चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। वर्ष 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 230 सदस्यीय विधानसभा में 114 सीटें जीती थीं और गठबंधन सरकार बनाई थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस चुनाव में 109 सीटें जीती थीं। कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में विधायकों के एक गुट के विद्रोह के चलते कमलनाथ अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके और मार्च 2020 में उनके नेतृत्व वाली सरकार गिर गई। सिंधिया गुट के विधायकों के समर्थन से बाद में भाजपा सत्ता में लौटी और शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री बने।