Election Commission on Rahul Gandhi : नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा हरियाणा में मतदाता सूची को लेकर लगाए गए आरोप ‘‘निराधार’’ हैं क्योंकि प्रदेश में उनकी पार्टी के बूथ एजेंट की ओर से मतदाता सूची के खिलाफ कोई अपील दायर नहीं की गई। अधिकारी राहुल गांधी के इस दावे पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि मतदाता सूची में 25 लाख प्रविष्टियां ‘‘फर्जी’’ थीं और पिछले साल हरियाणा विधानसभा चुनाव ‘चोरी’ हुआ था।
कांग्रेस के बूथ स्तरीय एजेंटों द्वारा कोई दावा या आपत्ति क्यों नहीं उठाई गई : निर्वाचन आयोग
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने यह भी सवाल उठाया कि कांग्रेस के बूथ एजेंट ने अक्टूबर, 2024 में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनावों में कई बार वोट डालने वाले मतदाताओं को चिह्नित क्यों नहीं किया। कांग्रेस नेता के आरोपों का खंडन करते हुए एक अधिकारी ने कहा, ‘‘मतदाता सूची में संशोधन के दौरान कांग्रेस के बूथ स्तरीय एजेंटों द्वारा कोई दावा या आपत्ति क्यों नहीं उठाई गई?’ बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) राजनीतिक दलों द्वारा मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की अनियमितता को चिह्नित करने के लिए नियुक्त किए जाते हैं।

राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए अधिकारियों ने इस बात को रेखांकित किया कि मतदाता सूचियों के विरुद्ध ‘शून्य अपील’ दायर की गई थीं और वर्तमान में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में केवल 22 चुनाव याचिकाएं लंबित हैं। चुनाव याचिका परिणामों की घोषणा के 45 दिनों के भीतर उस राज्य के उच्च न्यायालय में दायर की जा सकती है। अधिकारी ने कहा, ‘कांग्रेस के पोलिंग एजेंट मतदान केंद्रों पर क्या कर रहे थे? उन्हें आपत्ति तभी करनी चाहिए जब मतदाता पहले ही मतदान कर चुका हो या यदि पोलिंग एजेंटों को मतदाता की पहचान पर संदेह हो।’
राज्यों में मतदाता सूची को दुरुस्त करने के चुनाव आयोग के प्रयासों का उल्लेख करते हुए, अधिकारियों ने सवाल किया कि क्या राहुल गांधी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का समर्थन कर रहे हैं, जिसमें नागरिकता सत्यापन के साथ-साथ ‘डुप्लिकेट’, मृत और स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं। एक अधिकारी ने पूछा, ‘या वह एसआईआर का विरोध कर रहे हैं?’ अधिकारी ने तंज कसते हुए कहा, ‘बिहार में पुनरीक्षण के दौरान कांग्रेस के बीएलए द्वारा कोई दावा या आपत्ति क्यों नहीं उठाई गई? हरियाणा में कांग्रेस के बीएलए द्वारा कोई दावा या आपत्ति क्यों नहीं उठाई गई?’




