Friday, November 15, 2024
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अडानी समूह से जुड़े कथित घोटाले को लेकर कांग्रेस ने की JPC जांच की मांग, कहा-‘आरोप तो मामूली हैं, JPC जांच से होगा पूरा खुलासा’

नई दिल्ली, कांग्रेस ने शुक्रवार को दावा किया कि अडानी समूह से जुड़े कथित घोटाले को लेकर अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोप तो मामूली हैं और पूरा सच संयुक्त संसदीय समिति की जांच से ही सामने आ सकता है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच से ही पूरी सच्चाई सामने आ सकती है.

हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर हमलावर कांग्रेस

बता दें कि कांग्रेस हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को लेकर अडानी समूह पर पिछले कई महीनों से हमलावर है.अडानी समूह ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है.

”JPC जांच से सामने आएगा पूरा सच ”

रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, ‘अडानी महाघोटाले में संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग, हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में किए गए खुलासों से आगे तक के लिए है. ये खुलासे तो बहुत ही मामूली हैं.जेपीसी जांच से पूरा सच सामने आएगा.उन्होंने कहा कि अडानी समूह से जुड़ी अनियमितताएं और गलत कार्यों का राजनीतिक अर्थव्यवस्था के हर पहलू से संबंध है.”हमारी 100 सवालों की शृंखला ‘हम अडानी के हैं कौन’ में हमने इन्हें उजागर किया था.”

कांग्रेस महासचिव ने किया बड़ा दावा

कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, ”हवाई अड्डा, बंदरगाह, सीमेंट और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अडानी का एकाधिकार सुनिश्चित करने के लिए भारत की जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया.भारत की प्रतिष्ठा को ताक पर रखकर पड़ोस में अडानी एंटरप्राइजेज की ज़रूरतों के लिए भारत की विदेश नीति के हितों के साथ समझौता किया गया.”

रमेश ने आरोप लगाया,”इजराइल के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों को एक ही कंपनी अडानी के सुपुर्द कर दिया गया. कोयला और बिजली उपकरणों के बिल में बढ़ोतरी की गई, जिसने न केवल धनशोधन और बेतहाशा मुनाफे को बढ़ावा दिया है बल्कि आम लोगों के बिजली के बिलों में भी वृद्धि कर दी है.उन्होंने कहा कि इन मामलों का जिक्र हिंडनबर्ग के आरोपों में नहीं हैं.”

”हिंडनबर्ग के आरोप पूंजी बाजार से संबंधित मामलों तक ही सीमित”

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ”हिंडनबर्ग के आरोप पूंजी बाजार से संबंधित मामलों तक ही सीमित हैं, और ये स्टॉक हेरफेर, अकाउंटिंग धोखाधड़ी तथा नियामक एजेंसियों में हितों के टकराव से जुड़े हैं. ये आरोप तो मामूली हैं.उन्होंने कहा,”मोदानी महाघोटाले की पूरी तरह से जांच और खुलासा सिर्फ जेपीसी ही कर सकती है.”

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