मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने संसद में महिला आरक्षण विधेयक का पूरे दिल से समर्थन किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इसके बारे में सही ढंग से जानकारी नहीं दी गई। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र और केंद्र की पिछली कांग्रेस सरकारों ने ही महिला सशक्तीकरण के लिए कदम उठाए थे।
राकांपा प्रमुख का यह बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश में कहा कि कांग्रेस और उसके नए घमंडिया गठबंधन में शामिल सहयोगियों ने संसद में महिला आरक्षण विधेयक का अनिच्छा से समर्थन किया। मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए मोदी ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस और उसके नए घमंडिया गठबंधन के सहयोगियों ने संसद में महिला आरक्षण विधेयक का अनिच्छा से समर्थन किया है। साथ ही मोदी ने लोगों को चेतावनी दी कि अगर मौका दिया गया तो वे (विपक्षी गठबंधन) ऐतिहासिक कानून से पीछे हट जाएंगे।
शरद पवार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस और घमंडिया सहयोगियों द्वारा महिला आरक्षण विधेयक का अनिच्छा से समर्थन करने की बात कही। पर ये सच नहीं है। हम सभी ने पूरे दिल से इस विधेयक का समर्थन किया है। प्रधानमंत्री को उचित जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि 24 जून 1994 को महाराष्ट्र में उनके नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने एक महिला नीति पेश की थी जो देश में इस तरह की पहली नीति थी। राकांपा संस्थापक ने कहा इसी तरह, केंद्र की कांग्रेस सरकार 73वां संविधान संशोधन लेकर आई थी, जिससे स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का रास्ता साफ हो गया। जब मैं रक्षा मंत्री था, तब थल सेना, नौसेना और वायुसेना में महिलाओं को 11 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था।
अहमदाबाद में उद्योगपति गौतम अडाणी के साथ उनकी मुलाकात को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि वह बारामती के एक व्यवसायी की औद्योगिक इकाई का उद्घाटन करने गए थे। उन्होंने कहा कि अडानी साणंद औद्योगिक एस्टेट में आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि थे। भारत-कनाडा के बीच तनाव के मुद्दे पर पवार ने कहा कि एक भारतीय नागरिक के रूप में उनका पूरा समर्थन भारत सरकार की नीति के साथ रहेगा।