जयपुर। प्रदेश में बढ़ रहे अपराधों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सख्त दिखे। उन्होंने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में अफसरों की मीटिंग ली और अपराधों की समीक्षा की। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार और पुलिस का अपराधियों को साफ संदेश है कि या तो अपराध छोड़ दो या फिर प्रदेश छोड़ दो। एनकाउंटर से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि फेक एनकाउंटर और सही एनकाउंटर में रात-दिन का फर्क होता है। जहां सही एनकाउंटर की जरूरत होती है, वहां पुलिस चूकती नहीं है। राजस्थान में फेक एनकाउंटर का रिवाज नहीं है। साथ ही उन्होंने मृतक कॉन्स्टेबल प्रह्लाद के परिवार को 1 करोड़ रुपए देने की घोषणा की। साथ ही गेलेंट्री प्रमोशन के लिए सरकार को लिखा जाएगा। परिवार को रहने के लिए आवास और अनुकंपा पर नौकरी भी दी जाएगी। इससे पहले हुई बैठक में गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव, मुख्य सचिव उषा शर्मा, डीजीपी उमेश मिश्रा सहित पुलिस और प्रशासन के कई अधिकारी भी मौजूद रहे।
दुष्कर्म में एमपी-यूपी आगे
सीएम गहलोत ने कहा कि नाबालिग से दुष्कर्म के मामलों में साल 2021 में राजस्थान देश में 12वें स्थान पर रहा, जबकि मध्यप्रदेश पहले, उत्तर प्रदेश चौथे और गुजरात छठे स्थान पर रहा। दुष्कर्म के बाद हत्या के मामलों की बात करें तो राजस्थान देश में दसवें स्थान पर है। जबकि उत्तरप्रदेश पहले स्थान पर है, असम दूसरे और मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि इनामी अपराधी गिरफ्तार किए जाएंगे।
अपराध और पंजीकरण में है अंतर
उन्होंने कहा कि देश में आमतौर पर थानों में एफआईआर नहीं होती है। परिवादियों को भगा दिया जाता है। लेकिन हमने अनिवार्य एफआईआर दर्ज की व्यवस्था की है। इससे मामलों की संख्या बढ़ेगी। लेकिन हमें इसकी चिंता नहीं है। गहलोत ने एनसीआरबी की रिपोर्ट के एक संदेश का हवाला देते हुए कहा कि अपराध में वृद्धि और अपराध पंजीकरण में वृद्धि में अंतर है। कुछ लोग इन दोनों को एक मानने की गलती कर लेते हैं। यह गलती हमारी विपक्षी पार्टी के लोग जान-बूझकर कर रहे हैं। केंद्र में आज जो सरकार बैठी है, उनकी पार्टी के लोग जानबूझकर आमजन को गुमराह कर रहे हैं और पूरे देश में राजस्थान को बदनाम कर रहे हैं। जबकि हकीकत दूसरी है। यहां कोर्ट इस्तगासे के जरिए दर्ज होने वाले मामलों की संख्या घटी है। गहलोत ने कहा कि अनिवार्य एफआईआर की व्यवस्था के बावजूद अपराध के आंकड़े कमोबेश स्थिर हैं और कुछ अपराधों के आंकड़ों में तो कमी आई है। उन्होंने कहा कि कुल सजा की दर राजस्थान में 56 फीसदी से अधिक है। जबकि गुजरात मे सिर्फ 21.1 प्रतिशत और हरियाणा में 42.7 फीसदी है और मध्यप्रदेश में 53.5 प्रतिशत है।
चुनावों के मद्देनजर हुई बैठक
गहलोत ने आने वाले चुनाव को लेकर कहा- विपक्ष चुनाव को सांप्रदायिक बनाने का प्रयास कर रहा है। इसी को लेकर पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों के साथ मीटिंग की गई। चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से कराए जाएं। हिंसा या सांप्रदायिक घटना अगर प्रदेश में होती है तो उसे कड़ाई से देखा जाएगा। गहलोत ने कहा कि सरकार की योजनाएं लोगों को पसंद आई है। इसका आमजन फायदा उठा रहा है।