नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर आपराधिक मानहानि मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से दिल्ली की एक अदालत के समक्ष सोमवार को पेश हुए।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल ने गहलोत की उपस्थिति यह देखते हुए दर्ज की कि सत्र अदालत ने उन्हें (गहलोत को) वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश होने की अनुमति दी है। मजिस्ट्रेट ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि सत्र अदालत ने मजिस्ट्रेट को सुनवाई की पहली तारीख पर जमानती बॉण्ड दाखिल करने पर जोर न देने का निर्देश दिया है।
शेखावत की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा के यह बताए जाने के बाद कि सत्र अदालत ने मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई है, एसीएमएम ने मामले को 21 अगस्त के लिए मुल्तवी कर दी। सत्र अदालत ने 1 अगस्त को शिकायत से संबंधित कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन कांग्रेस नेता को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने की अनुमति दी थी।
गहलोत ने शेखावत पर संजीवनी घोटाले में लिप्त होने का आरोप लगाया था, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने शिकायत दर्ज करायी थी और मजिस्ट्रेट अदालत ने 7 अगस्त को कांग्रेस नेता को तलब किया था। यह घोटाला संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा कथित तौर पर हजारों निवेशकों के साथ लगभग 900 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने से संबंधित है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने जयपुर के बिड़ला सभागार में नवगठित जिलों के उद्घाटन के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा कि उनका नवगठित जिले (फलोदी) के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए फलोदी जाने का कार्यक्रम था, लेकिन वह नहीं जा सके, क्योंकि उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत के सामने पेश होना था।
उन्होंने कहा मुझे आज फलोदी जाना था, लेकिन सुनवाई थी। मेरे खिलाफ गजेंद्र शेखावत ने मानहानि का मुकदमा दायर किया है। मैं वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से (अदालती कार्यवाही में) शामिल हुआ हूं। इसके साथ ही गहलोत ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री और उनके परिवार के सदस्यों पर संजीवनी क्रेडिट सहकारी सोसायटी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया। गहलोत ने कहा कि शेखावत ने उनके खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई है और अगर इससे पीड़ितों का कोई भला होता है तो वह जेल जाने को भी तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि कई पीड़ितों ने उनसे मुलाकात की है और उन्हें बताया है कि कैसे उनकी मेहनत की कमाई सोसायटी के लोगों द्वारा ठग ली गयी है। उन्होंने दावा किया कि जोधपुर से सांसद शेखावत के पास इथियोपिया में फार्म हाउस और संपत्तियां हैं, हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि इसमें किसका पैसा लगा है। इससे पहले, एमपी/एमएलए अदालत के विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने कहा कि 7 अगस्त को मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष एक आरोपी के रूप में गहलोत की शारीरिक और व्यक्तिगत उपस्थिति व्यावहारिक रूप से सुविधाजनक और आवश्यक नहीं हो सकती है, लेकिन कार्यवाही पर रोक लगाने का कोई कारण नहीं दिखता। सत्र न्यायाधीश ने कार्यवाही के खिलाफ गहलोत की अर्जी पर मामले को 19 अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।