जयपुर। राजस्थान में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 22 विधायकों ने शनिवार को मंत्री पद की शपथ ली जिनमें से 12 को कैबिनेट, पांच को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व पांच को राज्यमंत्री बनाया गया है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में विधायकों को पद व गोपनीयता दिलाई। इनमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और दोनों उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की तरह 16 विधायक पहली बार मंत्री बने। नई कैबिनेट में केवल 6 मंत्री ऐसे हैं जो पूर्व की भाजपा सरकार में मंत्री बने हैं। ऐसे में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने स्पष्ट संकेत दे दिया कि वे भविष्य के हिसाब से अपनी टीम को मजबूत करना चाह रहे हैं। इसी तरह से जिन विधायकों को मंत्री बनाया गया है उनमें सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी भी शामिल हैं जो करणपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर पांच जनवरी को मतदान होना है।
ये 22 चेहरे बने मंत्री, सोशल इंजीनियरिंग का रखा ध्यान
कैबिनेट मंत्रियों में डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, गजेंद्र सिंह खींवसर, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बाबूलाल खराड़ी, मदन दिलावर, जोगाराम पटेल, सुरेश सिंह रावत, अविनाश गहलोत, जोराराम कुमावत, हेमंत मीणा, कन्हैयालाल चौधरी व सुमित गोदारा शामिल हैं। वहीं विधायक संजय शर्मा, गौतम कुमार, झाबर सिंह खर्रा, सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी व हीरालाल नागर को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ दिलाई गई है। इसके अलावा विधायक ओटाराम देवासी, डॉ. मंजू बाघमार, विजय सिंह चौधरी, के के बिश्नोई व जवाहर सिंह बेढम ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली।
199 में से 115 सीटें जीती थीं भाजपा ने
उल्लेखनीय है कि राज्य में विधानसभा की 200 में से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ। चुनाव परिणाम तीन दिसंबर को घोषित किया गया था। भजनलाल शर्मा ने 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ नवनिर्वाचित विधायक दिया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। राज्य की करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था। इस सीट पर अब पांच जनवरी को मतदान होगा। यहां भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री सुरेंद्रपाल उम्मीदवार हैं तो कांग्रेस ने कुन्नर के बेटे रुपिंदर सिंह को प्रत्याशी बनाया है।
जातीय समीकरणों का रखा ध्यान
राजस्थान में कैबिनेट विस्तार में जातीय समीकरणों को पूरा ध्यान रखा गया है। मंत्रिमंडल में 4 जाट, राजपूत 2, मीणा 2, गुर्जर 1, कुमावत 1, ब्राह्मण 2, विश्नोई 1, सिख 1, माली 1, देवासी 1 को जगह मिली है। राजपूत बीजेपी का कोर वोट बैंक माना जाता है। लेकिन आबादी की हिसाब से 2 ही मंत्री बनाए है। जबकि पिछली गहलोत सरका में 3 कैबिनेट मंत्री मीणा समुदाय से बनाए गए थे। इस बार दो बनाए गए है।
जिलेवार मंत्रिमंडल विस्तार
गंगानगर-1, बीकानेर-1, सीकर-1, जयपुर-4, अलवर-1, भरतपुर-1, स.माधोपुर-1, टोंक-1, अजमेर-1, नागौर-2 पाली-2, जोधपुर-2, बाड़मेर-1, सिरोही-1, चित्तौड़गढ़-1, प्रतापगढ़-1उदयपुर-1 और कोटा से 2 विधायकों को मंत्री बनाया गया है। मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय एवं क्षेत्रीय समीकरणों का पूरा ध्यान रखा गया है। सियासी जानकारों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब सीएम के सामने सबसे बड़ी चुनौती विभागों के बंटवारे की रहेगी।
चलते चुनाव में प्रत्याशी को बनाया मंत्री
सबसे खास यह है कि भाजपा ने श्रीकरणुपर सीट से प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मंत्री बनाया है। यह राजस्थान में पहला मामला है, जब चलते चुनाव के बीच किसी प्रत्याशी को मंत्री बनाया गया हो। श्रीकरणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव कैंसिल हो गए थे। यहां 5 जनवरी को वोटिंग होनी है। नियमानुसार कोई भी वयस्क भारतीय नागरिक बिना विधायक बने छह महीने तक मंत्री बना रह सकता है।
सीएम सहित 25 मंत्रियों की टीम में 20 पहली बार बने
मंत्रिमंडल में जिन 22 मंत्रियों को शामिल किया गया है। इनमें 17 पहली बार मंत्री बने हैं। 12 कैबिनेट मंत्रियों से 9, पांच स्वतंत्र प्रभार वाले में से चार और पांच राज्य मंत्रियों में से चार पहली बार मंत्री बने हैं। अगर सीएम और दो डिप्टी सीएम को भी मिला लिया जाए तो 25 में से 20 पहली बार के मंत्री हैं।
मूल ओबीसी के चार मंत्री
मूल ओबीसी वर्ग से भी चार कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। कुमावत समाज से जोराराम कुमावत, जैतारण से अविनाश गहलोत, लूणी से विधायक जोगाराम पटेल को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। इसी तरह पुष्कर से विधायक सुरेश सिंह रावत को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। सांगोद से विधायक हीरालाल नागर को स्वतंत्र प्रभार मंत्री, ओटाराम देवासी को राज्य मंत्री और गुढ़ामलानी से के.के. विश्नोई को राज्य मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है।