Sunday, December 22, 2024
Homeताजा खबरRashid Alive in Music : मौन हो गए उस्ताद राशिद खान के...

Rashid Alive in Music : मौन हो गए उस्ताद राशिद खान के सुर, 55 साल की उम्र में ली विदाई, आखिरी सांस तक गुनगुनाते रहे सरगम

कोलकाता। संगीत की दुनिया के सरताज उस्ताद राशिद खान के सुर मंगलवार को खामोश हो गए। वे भले अनंत समय के लिए चिरनिद्रा में लीन हो गए, लेकिन उनकी आवाज की खनक सदियों तक संगीत प्रेमियों के कानों में गूंजती रहेंगी। हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत को अनगिनत श्रोताओं तक अपनी मशहूर आवाज में पहुंचाने वाले संगीत के सरताज उस्ताद राशिद खान का कोलकाता के एक अस्पताल में प्रोस्टेट कैंसर के कारण निधन हो गया। खान पिछले चार साल से इस बीमारी से से पीड़ित थे और उपचार के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह 55 साल के थे । उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे और एक बेटी है। बीमारी के बावजूद राशिद खान की दिनचर्या में बदलाव नहीं आया था। वे अस्पताल में भी रियाज किया करते थे।

रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखने वाले खान, घराने के संस्थापक इनायत हुसैन खान के पड़पोते थे। उस्ताद राशिद खान का जन्म 1 जुलाई 1968 को उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुआ था। अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन हम असफल रहे। दोपहर करीब 3:45 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।’’ खान का स्वास्थ्य जांच करने वाली चिकित्सा टीम के एक सदस्य ने बताया कि परंपरागत उपचार के तहत उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा था, लेकिन लंबे समय तक अस्पताल में रहने के कारण उनका संक्रमण तेजी से फैल गया और जटिलताएं बढ़ गयी ।

दिवंगत गायक के परिजनो के साथ खड़ी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘मैने उनके निधन के बारे में सुना । यह पूरे देश और पूरे संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। मुझे बेहद दुख है, क्योंकि मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा है कि राशिद खान अब नहीं रहे।’’

उत्तर प्रदेश के बदायूं में जन्में गायक के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल को अपना घर बनाया । हालांकि, वह 1980 में 10 साल की उम्र में परिवार के साथ कोलकाता आ गये । ममता ने कहा, ‘‘हमारे बीच गहरा निजी रिश्ता था… वह बहुत प्यारे मनुष्य थे। हम नियमित रूप से संपर्क में रहते थे। हम सभी उनके परिवार के साथ हैं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 जनवरी को उनका शव मुर्दाघर से बाहर निकाले जाने के बाद खान को सरकारी सांस्कृतिक परिसर रवीन्द्र सदन में बंदूकों की सलामी दी जाएगी और राजकीय सम्मान दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि वह और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी वहां मौजूद रहेंगे। इसके बाद खान के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए नकटला स्थित उनके घर और उसके बाद टॉलीगंज कब्रिस्तान ले जाया जाएगा।

पिछले महीने सेरेब्रल अटैक के बाद संगीतकार की स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ गई थी, इसके बाद उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था और वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे । 2019 में उनका कैंसर का उपचार किया गया था।

उनके निधन के बाद संगीत जगत में शोक छा गया । गीतकार और पटकथा लेखक प्रसून जोशी ने खान को संगीत का सम्राट करार दिया ।

उन्होंने कहा, ‘‘राशिद खान का निधन संगीत की दुनिया के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वे भाग्यशाली हैं कि उन्होंने उन्हें सुना। वह एक अद्वितीय खजाना थे। मिलेंगे राशिद भाई, ऊपर मिलेंगे।’’

संगीत निर्देशक प्रीतम ने कहा कि राशिद खान साहब का निधन संगीत की दुनिया के लिये एक बड़ी क्षति है ।

अनुभवी बंगाली गायिका हेमंती शुक्ला ने याद किया कि कैसे वे एक ही वाहन में एक स्थान की यात्रा करते समय एक साथ गाते थे।

उन्हें रुंधे गले से कहा, ‘‘रशीद भाई एक प्यारे इंसान थे, जो समकालीन कलाकारों के बीच बहुत लोकप्रिय थे। वह हर साल मेरे ‘भाई फोन्टा’ (भाई दूज) का इंतजार करते थे।’’

युवा बंगाली गायिका सुवामिता ने खान को पिता तुल्य बताया, जिनका निधन संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है ।

एक अन्य राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त गायक इमान चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘मैं कल्पना नहीं कर सकता कि उस्तादजी अब नहीं रहे। यह मरने की उम्र नहीं है । उनकी आवाज बहुत मधुर थी ।’’

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments