Monday, December 15, 2025
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Delhi NCR Pollution: ‘पैसे वाले फैलाते हैं प्रदूषण, मार झेलता है गरीब’, दिल्ली-NCR में प्रदूषण से बिगड़े हालात पर बोले CJI सूर्यकांत

Supreme Court On Delhi NCR Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में बिगड़ते वायु प्रदूषण पर गंभीर चिंता जताते हुए 17 दिसंबर को सुनवाई तय की है। CJI सूर्यकांत ने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले अमीर हैं, लेकिन इसका खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ता है।

Supreme Court On Delhi NCR Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में बिगड़ते वायु प्रदूषण के स्तर से संबंधित याचिका पर 17 दिसंबर को सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत, न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची और न्यायमूर्ति विपुल एम पामचोली की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह की दलीलों पर गौर किया, जो न्याय मित्र के रूप में न्यायालय की सहायता कर रही हैं. सिंह ने कहा कि यद्यपि निवारक उपाय मौजूद हैं, लेकिन मुख्य मुद्दा अधिकारियों द्वारा उपायों का खराब कार्यान्वयन है. जब तक यह अदालत कोई निर्देश नहीं देती, अधिकारी पहले से मौजूद प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते हैं. इस पर सीजेआई ने कहा, ‘यह मामला बुधवार को 3 न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष आएगा. इस पर सुनवाई होगी.’

अदालत के आदेश के बावजूद हो रहे खेल के आयोजन

एक अन्य वकील ने बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे से जुड़े एक आवेदन का हवाला देते हुए कहा कि पहले के आदेशों के बावजूद स्कूल बाहरी खेल गतिविधियों का आयोजन कर रहे हैं. न्याय मित्र ने यह भी कहा, ‘इस अदालत के आदेश के बावजूद स्कूलों ने इन खेल गतिविधियों को आयोजित करने के तरीके खोज लिए हैं. ये गतिविधियां हो रही हैं. CQM (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) एक बार फिर इस अदालत के आदेश का हवाला दे रहा है.’

प्रदूषण की सबसे ज्यादा मार गरीबों पर पड़ती है: CJI

सीजेआई ने कहा, ‘हम समस्या को जानते हैं और हम ऐसे आदेश पारित करेंगे जिनका पालन किया जा सके. कुछ निर्देश ऐसे हैं जिन्हें बलपूर्वक लागू नहीं किया जा सकता है. इन शहरी महानगरों में लोगों की अपनी जीवनशैली होती है. लेकिन प्रदूषण की सबसे ज्यादा मार गरीबों पर पड़ती है, जबकि प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों में अक्सर संपन्न वर्ग की भूमिका होती है. न्याय मित्र ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि गरीब मजदूर सबसे ज्यादा पीड़ित हैं.

पीठ ने पहले कही थी ये बात

इससे पहले पीठ ने कहा था कि वायु प्रदूषण के खिलाफ दायर याचिका को सामान्य मामला नहीं माना जा सकता, जिसे केवल सर्दियों के महीनों में ही सूचीबद्ध किया जाए. उसने कहा था कि इस समस्या के अल्पकालिक और दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए महीने में 2 बार मामले की सुनवाई की जाएगी.

38 निगरानी केंद्रों पर गंभीर श्रेणी में था AQI

बता दें कि सोमवार को दिल्ली घनी धुंध की चादर में लिपटी रही, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 498 पर पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. वायु गुणवत्ता 38 केंद्रों पर ‘गंभीर’ थी, जबकि 2 केंद्रों पर यह ‘बेहद खराब’ थी. जहांगीरपुरी में एक्यूआई 498 दर्ज किया गया, जो सभी 40 केंद्रों में सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला केंद्र रहा.

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Premanshu Chaturvedi
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