Pakistan China: पाकिस्तान और चीन ने संयुक्त रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और उसकी आत्मघाती इकाई मजीद ब्रिगेड को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग की गई है. दोनों देशों ने BLA और उसकी आत्मघाती इकाई को परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग की है.
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत आसिम इफ्तिखार अहमद ने बुधवार को कहा कि इस्लामिक स्टेट-खोरासन (ISIL-के), अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट, बीएलए और मजीद ब्रिगेड जैसे आतंकवादी संगठन अफगान ठिकानों से संचालित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान में 60 से अधिक आतंकवादी शिविर सक्रिय हैं, जो सीमा पार हमलों के लिए आधार केंद्र का काम कर रहे हैं.
BLA और मजीद ब्रिगेड को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग
अहमद ने अफगानिस्तान में स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, ‘पाकिस्तान और चीन ने संयुक्त रूप से 1267 प्रतिबंध समिति में BLA और मजीद ब्रिगेड को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया है. हमें उम्मीद है कि परिषद उनकी आतंकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए इस पर शीघ्र कार्रवाई करेगी.’
गौरतलब है कि पाकिस्तान 2025-26 कार्यकाल के लिए 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है, जबकि चीन इस शक्तिशाली निकाय का स्थायी सदस्य है और उसके पास वीटो का अधिकार है. पाकिस्तान 2025 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1988 तालिबान प्रतिबंध समिति की अध्यक्षता कर रहा है और आतंकवाद रोधी समिति का उपाध्यक्ष भी है. अहमद ने कहा कि अफगान तालिबान प्रशासन को आतंकवाद-रोधी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन करना होगा.
अमेरिका ने BLA और मजीद ब्रिगेड को घोषित किया FTO
मजीद ब्रिगेड की स्थापना 2011 में हुई थी. यह BLA की आत्मघाती इकाई है, जो मुख्यतः पाकिस्तान में सुरक्षा बलों और चीनी हितों को निशाना बनाती है. पिछले महीने, अमेरिका ने भी बीएलए और मजीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) के रूप में सूचीबद्ध किया था.
अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, 2024 में बीएलए ने कराची एयरपोर्ट और ग्वादर पोत प्राधिकरण परिसर के पास आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी ली थी. उसने 2025 में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाइजैक करने की जिम्मेदारी भी ली थी, जो क्वेटा से पेशावर जा रही थी. इस घटना में 31 नागरिक और सुरक्षा कर्मी मारे गए थे और 300 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया गया था.
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