नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने बृहस्पतिवार को कहा कि नौसेना को पता है कि चीन पाकिस्तान को पनडुब्बियां दे रहा है। उन्होंने कहा कि नौसेना स्थिति पर नज़र रख रही है तथा देश की समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है। नवाचार और स्वदेशीकरण पर आधारित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम ‘स्वावलंबन 2025’ से पहले यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने यह भी माना कि चीन ने अपने तीसरे विमानवाहक पोत ‘फुजियान’ को नौसेना बेड़े में शामिल कर लिया है।
पाकिस्तान को पनडुब्बियां दे रहा है चीन
विद्युत-चुंबकीय प्रक्षेपण प्रणाली (‘इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापल्ट’) से युक्त इस युद्धपोत को चीन का सबसे आधुनिक पोत बताया जा रहा है। पोत को इस महीने की शुरुआत में एक गोपनीय कार्यक्रम के दौरान सेवा में शामिल किया गया था। उस कार्यक्रम में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी मौजूद थे। चीन द्वारा पाकिस्तान को पनडुब्बियां और दूसरे सैन्य उपकरण देने के बारे में पूछे जाने पर, उप नौसेना प्रमुख ने कहा, यह सच है और हमें इसकी पूरी जानकारी है। हमें पता है कि वे (चीन) उन्हें (पाकिस्तान को) पनडुब्बियां दे रहे हैं, इनकी तैनाती बहुत जल्द शुरू होगी। हम हर स्थिति पर नज़र रख रहे हैं।

चीन की ताकत हुई दौगुनी
चीन ने अपना तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर ‘फुजियान’ को अपनी वायुसैना में शामिल कर लिया है। जिससे चीन की नौसना में ताकत दौगुनी हो गई है। 6 नवंबर 2025 को हैनान प्रांत के सान्या शहर में एक भव्य समारोह हुआ, जिसमें राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शामिल हुए। यह कैरियर चीन का सबसे बड़ा और आधुनिक है। फुजियान को जून 2022 में लॉन्च किया गया था, जो फुजियान प्रांत के नाम पर रखा गया है। यह चीन का पहला कैरियर है जिसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापल्ट सिस्टम (EMALS) लगा है। मतलब, विमान तेजी से उड़ान भर सकते हैं, बिना ज्यादा ईंधन खर्च के, इसका वजन 80,000 टन है और यह 50 से ज्यादा विमान ले जा सकता है।
पहले दो कैरियर – लियाओनिंग (2012 में शामिल, रूसी मूल) और शांडोंग (2019 में, चीन का पहला स्वदेशी) – STOBAR तकनीक वाले थे, जो छोटे हैं. चीन की नौसेना तेजी से बढ़ रही है। 10 सालों में तीन कैरियर बना लिए। अब चौथा कैरियर टाइप-004 पर काम चल रहा है, जो 1,10,000 टन का होगा।
इसमें 70-100 विमान और हेलीकॉप्टर रखे जा सकेंगे। यह न्यूक्लियर पावर वाला पहला कैरियर होगा। चीन का लक्ष्य 2030 तक 460 जहाजों की नौसेना बनाना है। दुनिया में कुल 47 कैरियर हैं, जिनमें अमेरिका के पास सबसे ज्यादा 11 हैं।चीन अब संख्या में दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है, जिसमें 356 से ज्यादा जहाज, पनडुब्बी और अन्य वाहन हैं।




