दुर्ग। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा सियासी दांव खेला। उन्होंने छत्तीसगढ़ के दुर्ग में ऐलान किया कि मुफ्त में राशन योजना को पांच साल और बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैंने निश्चय कर लिया है कि देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन देने वाली योजना को भाजपा सरकार अगले 5 साल के लिए और बढ़ाएगी। आपका ये प्यार और आशीर्वाद मुझे हमेशा पवित्र निर्णय करने की ताकत देता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गरीब को धोखे के सिवाय कभी कुछ नहीं दिया। गरीब की कभी कद्र नहीं की। उसे गरीब का दुख-दर्द कभी समझ नहीं आता, इसलिए जब तक कांग्रेस केंद्र सरकार में रही, गरीबों के हक का पैसा लूटकर खाती रही।
अपने नेताओं की तिजोरी में भरती रही। 2014 में सरकार में आने के बाद आपके इस बेटे ने गरीब कल्याण को अपनी सबसे बड़ी प्राथमिकता बनाया। हमने अपने गरीब भाई-बहनों में ये विश्वास पैदा किया कि उनकी गरीबी दूर हो सकती है। मोदी ने कहा, हमारे सेवाकाल में सिर्फ 5 साल में ही साढ़े 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए हैं। जो गरीबी से बाहर निकले हैं वो आज मोदी को कोटि-कोटि आशीर्वाद दे रहे हैं। हमने ऐसी नीतियां बनाई कि हर गरीब अपनी गरीबी का खात्मा करने के लिए सबसे बड़ा सिपाही बनकर मोदी का साथी बन गया। भाजपा सरकार ने बहुत धैर्य और ईमानदारी से काम किया। मोदी के लिए देश की सबसे बड़ी जाति एक ही है – गरीब। जो गरीब है, मोदी उसका सेवक है, उसका भाई है, उसका बेटा है।
देश के किसी भी कोने में मिलेगा मुफ्त में राशन
पीएम ने कहा, यहां के अनेक साथी काम के लिए बाहर जाते हैं, उसके लिए भाजपा सरकार ने ऐसा इंतजाम किया है कि आप देश के किसी भी हिस्से में जाएं तो भी आपको मुफ्त राशन मिलता रहेगा। इसलिए ही मोदी ने आपको वन नेशन-वन राशन कार्ड की सुविधा दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने तो महादेव के नाम को भी नहीं छोड़ा है। 2 दिन पहले ही रायपुर में बहुत बड़ी कार्रवाई हुई है, रुपयों का बहुत बड़ा ढेर मिला है। लोग कह रहे हैं कि ये पैसा सट्टेबाजों का है, जुए का खेल खेलने वालों का है, जो उन्होंने छत्तीसगढ़ के गरीबों और नौजवानों को लूट कर जमा किया है। मीडिया में आ रहा है कि इस पैसे के तार छत्तीसगढ़ के….तक जा रहे हैं। यहां की सरकार और मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ की जनता से बताना चाहिए कि दुबई में बैठे इस घोटाले के आरोपियों के साथ उनके क्या संबंध हैं। आखिर ये पैसा पकड़े जाने के बाद यहां के मुख्यमंत्री क्यों बौखला गए हैं?
हर साल 2 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही सरकार
बता दें कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन देती है। दिसंबर 2022 में इस योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था। इस योजना से केंद्र सरकार को सालाना 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ता है। राशन के लिए गरीबों को एक रुपये भी नहीं देना होता है। पिछले साल कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने बताया था कि सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत चावल, गेहूं और मोटा अनाज क्रमश: 3,2,1 रुपये प्रति किलो की दर से देती है। सरकार ने फैसला लिया है कि दिसंबर 2023 तक यह पूरी तरह से मुफ्त मिलेगा। इससे पहले सितंबर 2022 में सरकार ने इस योजना की समय-सीमा को तीन महीने के लिए 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया था। कोविड के समय गरीब लोगों को राहत पहुंचाने के लिए यह योजना लाई गई थी। 28 महीने में सरकार ने गरीबों को मुफ्त राशन पर 1.80 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे।
कोविड संकट में शुरू हुई थी योजना
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को मार्च 2020 में कोविड संकट के दौरान लागू किया गया था। इस योजना का लाभ देश के 80 करोड़ लोगों को मिलता है। इसके तहत बीपीएल कार्ड वाले परिवारों को हर महीने प्रति व्यक्ति 4 किलोग्राम गेहूं और 1 किलोग्राम चावल मुफ्त दिया जाता है। बीते कई महीनों से इस योजना को बढ़ाया जा रहा है।