Thursday, December 26, 2024
Homeताजा खबरकेंद्र ने लागू किया पेपर लीक पर कानून, आधी रात नोटिफिकेशन...

केंद्र ने लागू किया पेपर लीक पर कानून, आधी रात नोटिफिकेशन जारी, 5 साल तक सजा के साथ एक करोड़ तक जुर्माने का प्रावधान

पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने देश में एंटी-पेपर लीक कानून यानी पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 लागू कर दिया है। NEET और UGC-NET परीक्षाओं में कथित अनियमितता को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच भविष्य में पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए ये बड़ा कदम उठाया गया है। इसका उद्देश्य देश भर में आयोजित होने वाले प्रतियोगी और सामान्य प्रवेश परीक्षाओं में फर्जीवाड़े को रोकना है। इस साल फरवरी में संसद से यह कानून पारित हुआ था, जो 21 जून 2024 से प्रभाव में आ गया है। केंद्र ने शुक्रवार (21 जून) की आधी रात इसका नोटिफिकेशन जारी किया। 

नकलची छात्रों पर होगा एक्शन

इस कानून के तहत सार्वजनिक परीक्षाओं में होने वाली नकल (धोखाधड़ी), पेपर लीक करने या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर न्यूनतम 3 से 5 साल की जेल की सजा होगी और पेपर लीक गिरोह में शामिल लोगों को 5 से 10 साल की कैद और न्यूनतम 1 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। सर्विस प्रोवाइडर अवैध गतिविधियों में शामिल है, तो उससे परीक्षा की लागत वसूली जाएगी। यदि कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह कोई संगठित अपराध करता है, जिसमें परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था, सेवा प्रदाता, या कोई अन्य संस्थान शामिल है, तो उन्हें कम से कम 5 साल की कैद की सजा दी जाएगी, जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है। 

संपत्ति भी होगी कुर्क

कानून कहता है कि जुर्माना 1 करोड़ रुपये से कम नहीं होगा। किसी संस्थान के संगठित पेपर लीक अपराध में शामिल पाए जाने पर उसकी संपत्ति कुर्क करने और जब्त करने का भी प्रावधान कानून में है और परीक्षा की लागत भी उस संस्थान से वसूली जाएगी। हालांकि, यह कानून परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों को दंडात्मक प्रावधानों से बचाता है। अगर कोई अभ्यर्थी परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का प्रयोग करता हुआ पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई होगी।

कानून ‘अनुचित साधनों’ को, पेपर या आंसर की लीक करना, अनधिकृत संचार के माध्यम से परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों की सहायता करना, कंप्यूटर नेटवर्क या अन्य उपकरणों के साथ छेड़छाड़ करना, प्रॉक्सी उम्मीदवार बैठाना (​किसी सॉल्वर को कैंडीडेट की जगह परीक्षा में बैठाना), फर्जी परीक्षा आयोजित कराना, परीक्षा सूची या रैंक को लेकर नकली दस्तावेज जारी करना और योग्यता दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने के रूप में परिभाषित करता है।

ये परीक्षाएं आएंगी कानून के अंतर्गत

एंटी-पेपर लीक कानून यानी पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 के अंतर्गत आने वाले अपराध गैर-जमानती हैं। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाओं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित सभी कंप्यूटर-आधारित परीक्षाएं इस अधिनियम के अंतर्गत आती हैं। डीएसपी (पुलिस उपाधीक्षक) या एसीपी (सहायक पुलिस आयुक्त) रैंक का अधिकारी अधिनियम के तहत किसी भी अपराध की जांच कर सकता है। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार के पास किसी भी जांच को केंद्रीय एजेंसी को सौंपने की शक्ति है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments