नई दिल्ली। सवाल पूछने के बदले पैसे लेने के आरोप से घिरी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा को गिरवी रख दिया था। ऐसे में लोकपाल ने उनके खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, लोकपाल ने आज मेरी शिकायत पर आरोपी सांसद महुआ मोइत्रा के राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने पर सीबीआई जांच का आदेश दिया।
इस पर महुआ मोइत्रा ने पलटवार कर जवाब दिया कि मीडिया जो मेरा उत्तर जानने के लिए फोन कर रहे हैं, उनसे कहना है कि सीबीआई को 13 हजार करोड़ रुपए के अडानी कोल स्कैम मामले में पहले एफआईआर दर्ज करनी होगी। राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा यह है कि कैसे संदिग्ध एफपीआई स्वामित्व वाली (चीनी और संयुक्त अरब अमीरात सहित) अडाणी कंपनियां भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों को खरीद रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सीबीआई आपका स्वागत है, आओ और मेरे जूते गिनो।
संसद की एथिक्स कमेटी तक गया मामला
पूरे मामले की सुनवाई एथिक्स कमेटी कर रही है। कमेटी की 2 नवंबर को हुई बैठक में मोइत्रा और बीएसपी सांसद दानिश अली समेत अन्य विपक्षी सांसद बाहर निकल गए। विपक्षी सांसदों ने इस दौरान आरोप लगाया कि मोइत्रा से आचार समिति के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर ने निजी सवाल किए। वहीं मोइत्रा ने बैठक के बाद बयान जारी कर कहा था कि उनका एक तरह से वस्त्रहरण किया गया. इन आरोपों को खारिज करते हुए विनोद कुमार सोनकर न कहा था कि ऐसा कुछ नहीं हुआ।
ये हैं महुआ मोइत्रा पर संगीन आरोप
निशिकांत दुबे ने हाल ही में आरोप लगाया था कि कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर अडानी ग्रुप के मामले में मोइत्रा ने संसद में सवाल किए हैं। उन्होंने कहा कि हीरानंदानी ने मोइत्रा के सांसद वाले लॉगिन का इस्तेमाल कर विभिन्न स्थानों से प्रश्न दर्ज किए। इसके बाद दर्शन हीरानंदानी का साइन किया हुआ एक एफिडेविट सामने आया। इसमें उन्होंने दावा किया कि हां, उन्होंने मोइत्रा को पैसे दिए थे। ये सब पीएम मोदी की छवि खराब करने के लिए किया गया था।