Al Falah Group: मध्यप्रदेश के महू छावनी परिषद ने अल फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी के परिवार की एक रिहायशी प्रॉपर्टी पर रहने वालों और कानूनी वारिसों को बिना इजाज़त निर्माण का हवाला देते हुए नोटिस जारी किया है. एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि छावनी बोर्ड के अधिकारियों ने निर्देश दिया है कि 3 दिनों के अंदर भवन को गिरा दिया जाए.
दिल्ली में लाल किले के पास 10 नवंबर को विस्फोट हुआ था, जिसके बाद से फरीदाबाद में अल फलाह ग्रुप द्वारा चलाई जाने वाली अल फलाह यूनिवर्सिटी जांच का केंद्र बनी हुई है. बता दें कि इस धमाके में 15 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे.
नोटिस में 3 दिन का दिया समय
कैंटोनमेंट इंजीनियर एच एस कलोया ने कहा, ‘हमने मरहूम मौलाना हम्माद के घर को नोटिस जारी किया है, जो जवाद अहमद सिद्दीकी के पिता हैं. नोटिस के मुताबिक, विभाग ने पहले भी 1996 और 1997 में कैंटोनमेंट्स एक्ट, 1924 के संबंधित धाराओं के तहत कई बार बिना इजाजत किए गए निर्माण को हटाने का निर्देश दिया था. हालांकि, बार-बार नोटिस देने के बावजूद, जिस निर्माण की बात हो रही है, उसे नहीं हटाया गया. नए नोटिस में संपत्ति पर अभी रहने वाले या कानूनी वारिसों को 3 दिन के अंदर बिना इजाजत बने भवन को हटाने का निर्देश दिया गया है.’
एच एस कलोया ने कहा कि अगर निर्देश का पालन नहीं किया जाता है, तो कैंटोनमेंट बोर्ड हटाने की कार्रवाई करेगा, और कैंटोनमेंट्स एक्ट के नियमों के अनुसार संबंधित पक्ष से खर्च वसूला जाएगा. यह संपत्ति – मकान नंबर 1371 – महू के मुकेरी मोहल्ला इलाके में सर्वे नंबर 245/1245 पर है.
जवाद सिद्दीकी के भाई को किया गिरफ्तार
अधिकारियों ने बताया कि मध्यप्रदेश पुलिस ने पहले हैदराबाद से जवाद सिद्दीकी के भाई हामूद अहमद सिद्दीकी को महू में हुए आर्थिक जालसाजी के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. हामूद को रविवार को गिरफ्तार किया गया, उसके खिलाफ 25 साल पहले महू में बड़े पैमाने पर आर्थिक जालसाजी करने का आरोप है.
गौरतलब है कि दिल्ली धमाके के मुख्य आरोपी, डॉ. उमर उन नबी, अल फलाह यूनिवर्सिटी के जनरल मेडिसिन डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर था. माना जा रहा है कि दिल्ली धमाके से जुड़े कई संदिग्धों का यूनिवर्सिटी से संबंध था, जिससे जांचकर्ताओं को इंस्टीट्यूशनल रिकॉर्ड, आर्थिक लेन-देन और प्रबंधन अनुमति की जांच करने के लिए प्रेरित किया गया.
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