श्रीहरिकोटा। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता विनोद मनकारा की नई किताब का यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) के ‘रॉकेट लॉन्चपैड’ से विमोचन किया गया।
विज्ञान से संबंधित लेखों का संग्रह ‘प्रिज्म : द एन्सेस्ट्रल एबोड ऑफ रेनबो’ का गुरुवार शाम को SDSC-SHAR में उस समय अनोखा विमोचन किया गया, जब भारत के बहुप्रतीक्षित चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान-3’ के प्रक्षेपण की तैयारियां जोर-शोर से हो रही है। अंतरिक्ष केंद्र में ऐतिहासिक प्रक्षेपण की उल्टी गिनती के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) के निदेशक एस उन्नीकृष्णन को किताब सौंपकर कर उसका विमोचन किया।
इस कार्यक्रम के दौरान SDSC-SHAR के निदेशक ए. राजाराजन, लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (SPSC) के निदेशक वी. नारायणन, इसरो के पूर्व निदेशक के. राधाकृष्णन और लिपि पब्लिकेशंस के प्रबंध निदेशक लिपि अकबर के अलावा कई अन्य अंतरिक्ष वैज्ञानिक मौजूद थे। कोझीकोड स्थित लिपि बुक्स द्वारा प्रकाशित ‘प्रिज्म’ अंतरिक्ष विज्ञान, खगोल शास्त्र, जीव विज्ञान, मानव शास्त्र और गणित समेत विज्ञान की विभिन्न शाखाओं से संबंधित 50 दिलचस्प लेखों का संग्रह है। इसमें जेम्स वेब अंतरिक्ष दूरबीन, डार्क स्काई पर्यटन, ब्लैक होल, लाइका कुत्ते की पहली अंतरिक्ष यात्रा और अन्य विभिन्न विषयों पर आधारित लेख प्रकाशित किए गए हैं।
कुल 167 पन्नों की इस किताब की प्रस्तावना सोमनाथ ने खुद लिखी है। उन्होंने कहा है कि यह ‘‘विज्ञान के चमत्कारों’’ से भरपूर है। ‘प्रिज्म’ विज्ञान के सौंदर्य और काव्यात्मक पहलुओं की खोज है। इसके जरिये आम लोगों को विज्ञान से करीबी रूप से जुड़ने और उसके सौंदर्य को महसूस करने में मदद मिलेगी। मनकारा ने भारत के ऐतिहासिक मंगल मिशन ‘‘मंगलयान’’ पर, संस्कृत में विज्ञान आधारित वृत्तचित्र ‘‘यानम’’ भी तैयार किया है। कई बार राष्ट्रीय और राज्य पुरस्कार जीत चुके मनकारा ने छह फिल्में और 685 वृत्तचित्र बनाए हैं। मनकारा के वृत्तचित्रों में चंद्रयान-1 पर बनी ‘चंद्रानु नेरे चून्दुविरल’ और विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के 60 वर्ष पूरे होने पर आधारित ‘वीएएससीएट60’ शामिल हैं। वह चंद्रयान-3 पर एक नया वृत्तचित्र भी बना रहे हैं।