Vice President Election: ओडिशा की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल (BJD) ने सोमवार को घोषणा की कि उसके सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता वाली पार्टी ने कहा कि उसने राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और कांग्रेस-नीत ‘इंडिया’ गठबंधन से समान दूरी बनाए रखने की अपनी नीति के तहत यह निर्णय लिया है.
बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने कही ये बात
बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने यहां पत्रकारों को बताया, ‘बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने फैसला किया है कि पार्टी के सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहेंगे. उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) के सदस्यों और सांसदों से परामर्श के बाद यह फैसला लिया. बीजद, राजग और ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) दोनों से समान दूरी बनाए रखता है. हमारा पूरा ध्यान राज्य और उसके 4.5 करोड़ लोगों के विकास पर है.’
BRS ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव से बनाई दूरी
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी राज्य में यूरिया की कमी को लेकर तेलंगाना के किसानों की “पीड़ा” को व्यक्त करने के लिए नौ सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही (यूरिया की) कमी के मुद्दे को सुलझाने में “विफल” रही हैं।
सीपी राधाकृष्णन और बी सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला
उपराष्ट्रपति चुनाव संसद भवन में होगा. इसमें सत्तारूढ़ राजग उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन और संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला है. संसद के दोनों सदनों के सदस्य मंगलवार को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच अपने मत डालेंगे.
BJD के इस कदम पर क्या बोली BJP और कांग्रेस
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस और भाजपा दोनों ने कहा कि बीजद का निर्णय अप्रत्यक्ष रूप से उपराष्ट्रपति पद के लिए NDA के उम्मीदवार की मदद करेगा. BJD के निर्णय का स्वागत करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने कहा, ‘बीजद सांसदों को मतदान से दूर रखने का निर्णय लेकर नवीन बाबू ने परोक्ष रूप से राजग उम्मीदवार का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, उन्होंने हमारे उम्मीदवार का विरोध नहीं किया है.’
बीजद ने 2012 में भी उपराष्ट्रपति चुनाव में नहीं किया था मतदान
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने कहा, ‘मतदान से दूर रहने का मतलब भाजपा का समर्थन करना है. यह BJD के लिए यह साबित करने का अवसर था कि वह भगवा खेमे के विरोध में है. बीजद सांसदों ने 2012 में भी उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से परहेज किया था.
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