Ashok Gehlot On Bihar Election: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिहार में विधानसभा चुनाव के परिणामों के रुझानों को निराशाजनक बताते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि वहां चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं को नकदी और अन्य लाभ बांटे गए. गहलोत ने दावा किया कि बिहार में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद पेंशन भुगतान और नकद हस्तांतरण बेरोकटोक जारी रहे.
‘बिहार में आदर्श आचार संहिता के बावजूद सब बंट रहा था’
गहलोत ने पत्रकारों से कहा, ‘बिहार के परिणाम निराशाजनक हैं इसमें कोई दो राय नहीं. बिहार में (आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद) सब बंट रहे थे. पेंशन बंट रही थी. पैसा बंट रहा था, 10 हजार रुपए बिहार जैसे प्रदेश में महिलाओं को मिल जाएं, तो आप सोच सकते हो क्या हो सकता है, एक तो वो फैक्टर भी था.
#WATCH | #BiharElection2025 | जयपुर, राजस्थान: कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, "लोकतंत्र खतरे में है। जो हालात हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में बने हैं वही हालात यहां बने हैं… जिस प्रकार से ये धन बल का प्रयोग करते हैं लोग कल्पना नहीं कर सकते हैं… चुनाव आयोग इनका साथ दे रहा है।… pic.twitter.com/2x4zHBYpOs
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 14, 2025
बिहार में निर्वाचन आयोग मूकदर्शक बना रहा: गहलोत
कांग्रेस नेता ने कहा कि 2023 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान एक योजना के तहत मोबाइल फोन वितरण और पेंशन वितरण को चुनाव आचार संहिता लागू होते ही तुरंत रोक दिया गया था, लेकिन बिहार में निर्वाचन आयोग मूकदर्शक बना रहा, उसने क्यों नहीं रोका, दस-दस हजार रुपए बंट रहे थे चुनाव चलते हुए तो आयोग को रोकना चाहिए था, रोका ही नहीं.’
‘आयोग की सत्तारूढ़ दल के साथ स्पष्ट मिलीभगत थी’
गहलोत ने आयोग पर बिहार में सत्तारूढ़ दल के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया. उन्होंने कहा ‘जब आप निष्पक्ष चुनाव नहीं कराते, जब बूथ कैप्चरिंग या बेईमानी होती है और आयोग कोई कार्रवाई नहीं करता, तो यह वोट चोरी है. आयोग की सत्तारूढ़ दल के साथ स्पष्ट मिलीभगत थी.’ उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने धनबल इकट्ठा किया है जिससे लोकतंत्र को खतरा है. देश को कांग्रेस और उसकी विचारधारा की जरूरत है.




