Friday, November 7, 2025
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Bihar Election 2025: बदलाव की बयार या सुशासन पर भरोसा? बिहार में रिकॉर्ड 65% मतदान के बाद बढ़ी सियासी हलचल

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 121 सीटों पर रिकॉर्ड 65% मतदान हुआ, जो राज्य के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक है। इस ऐतिहासिक वोटिंग ने मुकाबले को रोमांचक बना दिया है. एक ओर NDA का “सुशासन” मॉडल, तो दूसरी ओर INDIA गठबंधन का “सबको नौकरी” वादा, अब निर्णायक टकराव की दिशा में है।

Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को 121 सीटों पर लगभग 65 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो राज्य के चुनावी इतिहास में अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत है. इस ऐतिहासिक मतदान ने लगभग 20 वर्षों से सत्ता पर काबिज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी INDIA गठबंधन के बीच ‘सुशासन बनाम सबको नौकरी’ की जंग को निर्णायक मोड़ पर ला दिया है.

चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा, ‘बिहार के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक 64.66 प्रतिशत मतदान हुआ और पूरे राज्य में मतदान शांतिपूर्ण एवं उत्सव जैसे माहौल में संपन्न हुआ. बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने कहा कि महिलाएं काफी उत्साह के साथ बड़ी संख्या में वोट डालने आईं.

महागठबंधन की जीत सुनिश्चित: तेजस्वी

भारी मतदान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भाजपा, राजद, कांग्रेस और जनसुराज ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया. राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ‘मैं बिहार की जनता को भारी मतदान के लिए सलाम करता हूं. मैं अब पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि आपने ‘महागठबंधन’ की जीत सुनिश्चित कर दी है.’

2010 में आई सीटों का रिकॉर्ट टूटेगा: सम्राट चौधरी

वरिष्ठ भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘जिन सीटों पर मतदान हुआ, उनमें से लगभग 100 सीटें हम जीतने जा रहे हैं. राजग की कुल सीटें 2010 के 206 सीटों के रिकॉर्ड को पार कर जाएंगी.

ज्यादा मतदान लोगों की बदलाव की चाहत का संकेत: प्रशांत किशोर

जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने दावा किया कि सबसे ज्यादा मतदान लोगों की बदलाव की चाहत का संकेत है. उन्होंने कहा, ’14 नवंबर को जब वोटों की गिनती होगी, बिहार में एक नई सरकार होगी. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, ‘ज्यादा मतदान प्रतिशत दर्शाता है कि हमें स्पष्ट बहुमत मिलने वाला है.’

NDA, जो पिछले दो दशकों से (कुछ अंतराल को छोड़कर) सत्ता में है, अपने ‘सुशासन’ और विकास के रिकॉर्ड पर भरोसा जता रहा है, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (RJD)-कांग्रेस गठबंधन का नेतृत्व कर रहे तेजस्वी यादव बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों के साथ अपने हर घर रोजगार के वादे पर जनता को आकर्षित करने की कोशिश में हैं.

चुनाव 2029 के आम चुनाव से पहले जनता के रुझान का संकेत

बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए हो रहे इन चुनावों को स्थानीय राजनीति के साथ-साथ 2029 के आम चुनाव से पहले जनता के रुझान का संकेतक भी माना जा रहा है. यह चुनाव विवादित मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद हो रहे हैं, जिसे लेकर विपक्ष ने निर्वाचन आयोग पर धांधली और मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे.

पहले चरण में कुल 1,314 उम्मीदवार मैदान में

पहले चरण के बाद दूसरा और अंतिम चरण 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी. पहले चरण में कुल 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें राजद के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव, राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा सहित कई मंत्री शामिल हैं. हालांकि, मतदान ज्यादातर शांतिपूर्ण रहा, लेकिन कुछ जगहों पर हिंसा की छिटपुट घटनाएं भी सामने आईं, जिनमें उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के वाहन पर कथित हमला भी शामिल है.

बड़ी संख्या में महिलाओं की उपस्थिति NDA के लिए शुभ संकेत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दूसरे चरण के चुनाव क्षेत्रों में आयोजित सभाओं में कहा कि महिलाओं की बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों पर उपस्थिति NDA के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने कहा, ‘मां, बहनें और बेटियां ‘जंगलराज’ की सबसे बड़ी पीड़ित रही हैं. आज वे मतदान केंद्रों के चारों ओर सुरक्षा कवच की तरह खड़ी हैं ताकि ‘जंगलराज’ की वापसी न हो.’

NDA और महागठबंधन के अलग-अलग दावे

NDA को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘सुशासन’ के साथ-साथ हाल ही में दी गई कल्याणकारी योजनाएं जैसे 125 यूनिट मुफ्त बिजली, एक करोड़ से अधिक महिलाओं को 10 हजार रुपये नकद सहायता और सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि, सत्ता विरोधी लहर को कम करने में सहायक होंगी. वहीं, विपक्ष का दावा है कि जनता अब बदलाव के मूड में है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक भावनात्मक पोस्ट में लिखा, ‘‘रोटी अगर तवे पर नहीं पलटी जाए तो जल जाती है. बीस साल बहुत लंबा समय है, अब तेजस्वी सरकार जरूरी है ताकि बिहार को नयी दिशा मिले.’

मतदान के दौरान चला आरोप-प्रत्यारोप का दौर

मतदान के दौरान दोनों गठबंधनों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चलता रहा. उपमुख्यमंत्री सिन्हा ने आरोप लगाया कि लखीसराय में उनकी गाड़ी पर राजद समर्थकों ने हमला किया और पिछड़े वर्गों के मतदाताओं को डराने का प्रयास किया गया. दूसरी ओर, राजद ने आरोप लगाया कि जहां ‘इंडिया’ गठबंधन मजबूत स्थिति में है, वहां मतदान को जानबूझकर धीमा किया गया, जिसे आयोग ने तुरंत खारिज कर दिया.

राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की ‘जनसुराज’ पार्टी भी मैदान में है. उन्होंने राज्य को देश के “शीर्ष विकसित राज्यों” में शामिल करने का वादा किया है और शराबबंदी कानून खत्म करने जैसी साहसिक घोषणाएं भी की हैं. बिहार की राजनीति हमेशा की तरह जातीय समीकरणों से भी प्रभावित है. यादव, कुशवाहा, कुर्मी, ब्राह्मण और दलित मतदाता कई सीटों पर नतीजों का रुख तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.

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Premanshu Chaturvedi
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