Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए प्रचार का आज आखिरी दिन है. तमाम पार्टियों के दिग्गजों ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इसी कड़ी में किशनगंज में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश को बांटने का प्रयास कर रही बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा और देश को जोड़ने का संकल्प लिए हुए ‘इंडिया’ गठबंधन की विचारधारा के बीच इस समय सीधी लड़ाई है.
‘लोग एक-दूसरे से डरें, नफरत करें, ताकि वे सत्ता में बने रहें’
बिहार के किशनगंज में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम नफरत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान खोलना चाहते हैं. नरेन्द्र मोदी जी के खून में नफरत है, लेकिन मेरे खून में देश को एकजुट करने का जज्बा है. भाजपा और RSS समाज में डर व घृणा का माहौल बनाकर राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं. वे चाहते हैं कि लोग एक-दूसरे से डरें, नफरत करें, ताकि वे सत्ता में बने रहें.’
अमित शाह पर भी साधा निशाना
राहुल गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधते हुए कहा’ वह बिहार आकर कहते हैं कि यहां उद्योग लगाने के लिए जमीन नहीं है. लेकिन जब अडानी की बात आती है, तो उन्हें जमीन दी जाती है. बिहार में एक भी फूड प्रोसेसिंग यूनिट नहीं है, जबकि यहां के किसानों के पास अपार संभावनाएं हैं.’
‘आज बिहार को बेरोजगारी, गरीबी, पलायन के लिए जाना जाता है’
कांग्रेस नेता ने बिहार की गौरवशाली शैक्षणिक परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य कभी ज्ञान और शिक्षा का केंद्र था. उन्होंने कहा, ‘नालंदा विश्वविद्यालय दुनिया का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान था, जहां विदेश से विद्यार्थी पढ़ने आते थे. आज उसी बिहार को बेरोजगारी, गरीबी और पलायन के लिए जाना जाता है, जो अत्यंत दुखद है.
‘उनका पूरा ध्यान कुछ गिने-चुने लोगों के विकास पर है’
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा सरकार के 9 वर्ष के शासनकाल में केवल कुछ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का काम हुआ है, जबकि आम जनता की स्थिति लगातार खराब हुई है. वे कहते हैं कि ‘सबका साथ, सबका विकास’, लेकिन सच्चाई यह है कि उनका पूरा ध्यान कुछ गिने-चुने लोगों के विकास पर है.
गांधी ने दावा किया कि बिहार की जनता इस बार भाजपा और NDA को करारा जवाब देगी और ‘इंडिया’ गठबंधन को भारी समर्थन मिलेगा. बिहार के लोग समझ चुके हैं कि विकास केवल नारों से नहीं, नीयत और नीतियों से होता है.’




