Pawan Singh Jyoti Singh Dispute: भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि वह बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. उनके इस फैसले से हर कोई हैरान है. क्यों कि लंबे समय से उनके चुनावी मैदान में उतरने की अटकलें लगाई जा रहीं थी, लेकिन अब उनके इनकार के बाद यह संभावना खत्म हो गई है. इस बीच पवन सिंह के ससुर रामबाबू सिंह ने मीडिया से बातचीत में बड़ा खुलासा किया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि पवन पर पत्नी ज्योति सिंह को विधायक बनाने का कोई दबाव नहीं था.
#WATCH | Ballia, UP: Rambabu Singh, Bhojpuri actor Pawan Singh’s father-in-law, says, "… I dont know how much he will lie, but there has been no pressure on him to make Jyoti Singh an MLA. Does Jyoti Singh have a party of her own?… Three months ago, I visited him, and he says… pic.twitter.com/FfBE38LI0h
— ANI (@ANI) October 12, 2025
रामबाबू सिंह ने बताया कि लोकसभा के पिछले चुनाव में जब ज्योति सिंह ने पवन सिंह के लिए प्रचार किया था, तब उनका कराकट के लोगों से एक खास संबंध विकसित हो गया था. और कई लोगों ने इच्छा जताई कि अगर पवन सिंह चुनाव नहीं लड़े तो उनकी पत्नी ज्योति सिंह को मौका दिया जाए.
‘झूठ बोलने का आरोप’
ससुर रामबाबू सिंह ने अपने दामाद पवन सिंह पर झूठ बोलने और निष्ठुरता का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा- 3 महीने पहले मैं उनसे मिला, और उन्होंने कहा कि मैंने उनसे ज्योति सिंह को विधायक बनाने के लिए कहा था, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है. मैंने उनके के पैर पकड़कर उनसे ज्योति को अपनाने की भीख मांगी थी, लेकिन जवाब में पवन सिंह की तरफ से उन्हें सिर्फ अदालत का रास्ता दिखाया गया.’
#WATCH | Ballia, UP: Rambabu Singh, Bhojpuri actor Pawan Singh’s father-in-law, says, "During Lok Sabha elections, when Jyoti campaigned for Pawan Singh, she developed a connection with the people of Karakat (where he contested the Lok Sabha elections independently). When he… pic.twitter.com/b5SZxqBQoW
— ANI (@ANI) October 12, 2025
जनता और राजनीतिक दबाव में संतुलन रखा
रामबाबू सिंह के मुताबिक, कराकट की जनता ज्योति सिंह से पवन सिंह के स्थान पर चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रही थी. लेकिन पवन सिंह ने राजनीतिक दबाव को नजरअंदाज करते हुए अपना निर्णय लिया. इससे यह साफ है कि पवन सिंह व्यक्तिगत और पारिवारिक प्राथमिकताओं को जनता की अपेक्षाओं से ऊपर रखते हैं.