Bihar Assembly Election 2025: कई दिनों की गहन चर्चा और मंथन के बाद बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे का ऐलान हो गया. जबकि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में इस मुद्दे को लेकर अब भी पेंच फंसा हुआ है. राजग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) और BJP 243 सदस्यीय विधानसभा में 101-101 सीट पर चुनाव लड़ेंगी, जबकि शेष सीट छोटे सहयोगी दलों के लिए छोड़ी गई हैं. यह पहला अवसर है जब बिहार में राजग के दोनों प्रमुख घटक JDU और BJP समान संख्या में सीट पर चुनाव लड़ेंगे.
सत्ता में 5वीं बार वापसी की कोशिश में नीतीश कुमार
घोषणा ऐसे समय में की गई जब चुनाव के पहले चरण के नामांकन की अंतिम तारीख में अब एक सप्ताह से भी कम का समय बचा है. सीएम नीतीश कुमार ने भाजपा के बराबर सीट पर चुनाव लड़ने पर सहमति जताई है. वो लगातार 5वीं बार सत्ता में वापसी की कोशिश कर रहे हैं. BJP कभी JDU की कनिष्ठ सहयोगी मानी जाती थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वह राज्य में अपनी पैठ लगातार मजबूत करती रही है.
चिराग पासवान की पार्टी 29 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को 29 सीट मिली हैं. वर्ष 2020 के चुनाव में चिराग पर जदयू को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे थे, जब उन्होंने गठबंधन से बगावत कर अलग लड़ाई लड़ी थी. राजग के अन्य घटक पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 6-6 सीट दी गई हैं.
सीट बंटवारे से संतुष्ट नहीं दिखे जीतन राम मांझी
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में राजग के शीर्ष नेताओं की बैठक में सीट बंटवारे पर सौहार्दपूर्ण माहौल में सहमति बनी. वैसे मांझी पूरी तरह संतुष्ट नजर नहीं आए. वह पहले कम से कम 15 सीट की मांग कर रहे थे, ताकि उनकी पार्टी को विधानसभा में मान्यता प्राप्त दल का दर्जा मिल सके. पटना पहुंचने पर उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘शीर्ष नेतृत्व ने जो फैसला किया है, उसे हमने स्वीकार कर लिया. लेकिन हमें केवल 6 सीट देकर हमारी ताकत को कम करके आंका गया है. इसका नुकसान राजग को चुनाव में उठाना पड़ सकता है.’ हालांकि मांझी ने यह भी दोहराया कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ आखिरी सांस तक रहेंगे.
INDIA गठबंधन में सीट बंटवारे में कहां फंसा पेंच ?
दूसरी ओर, विपक्षी महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) में सीट बंटवारे का पेंच अब भी फंसा नजर आ रहा है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दिल्ली रवाना हो गए, जिससे गठबंधन के भीतर असंतोष की अटकलें तेज हो गईं. पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर है और उम्मीदवारों में बेचैनी स्पष्ट दिखने लगी है. लालू परिवार के दिल्ली रवाना होते समय उनके आवास के बाहर कार्यकर्ताओं ने जमकर नाराजगी जताई. बिहार में 2 चरणों में मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।
RJD 243 में से आधी सीट पर लड़ना चाहती चुनाव
RJD के करीबी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह 243 में से कम से कम आधी सीट पर चुनाव लड़ेगी. सूत्रों ने देरी के लिए कांग्रेस, वामदलों और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को जिम्मेदार ठहराया. रिपोर्टों में कहा गया है कि कांग्रेस अपनी हालिया ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की सफलता के आधार पर अधिक सीट की मांग कर रही है. इस यात्रा में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 2 सप्ताह में राज्य के 25 जिलों का दौरा किया था.
राघोपुर सीट पर टिकी सभी की निगाहें
उधर, जन सुराज पार्टी ने पुराने गठबंधनों से पहले बढ़त लेते हुए कुछ दिन पहले ही 51 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी तथा सोमवार यानि आज एक और सूची जारी करने वाली है. पार्टी एक साल पहले बनी थी. सभी की निगाहें वैशाली जिले की राघोपुर सीट पर टिकी हैं, जहां तेजस्वी यादव लगातार तीसरी जीत दर्ज करने की कोशिश में हैं. जन सुराज पार्टी के संस्थापक और पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने संकेत दिए हैं कि वह स्वयं इसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।