नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कर चोरी के आरोप में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और जुआघरों को GST प्राधिकारियों की ओर से जारी 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कारण बताओ नोटिसों पर शुक्रवार को रोक लगा दी. न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि इन मामलों में सुनवाई की जरूरत है और इस बीच गेमिंग कंपनियों के खिलाफ सभी कार्यवाही पर रोक लगाई जानी चाहिए.
18 मार्च को मामले पर अगली सुनवाई
जीएसटी विभाग का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन. वेंकटरमन ने कहा कि कुछ कारण बताओ नोटिसों की अवधि फरवरी में समाप्त हो जाएगी. मामले पर अगली सुनवाई के लिए 18 मार्च की तारीख तय की गई है. बता दें कि अक्टूबर 2023 में GST अधिकारियों ने कर चोरी के लिए ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे.
सरकार ने किया था GST कानून में संशोधन
सरकार ने जीएसटी कानून में संशोधन किया था, जिससे विदेशी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए 1 अक्टूबर, 2023 से भारत में पंजीकरण कराना अनिवार्य हो गया था. अगस्त 2023 में GST परिषद ने स्पष्ट किया था कि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर लगाए गए दांव के पूरे मूल्य पर 28 प्रतिशत GST लगाया जाएगा. गेमिंग कंपनियों ने इसके खिलाफ विभिन्न उच्च न्यायालयों का रुख किया था.
शीर्ष अदालत ने पिछले साल केंद्र की याचिका स्वीकार कर ली थी और ई-गेमिंग कंपनियों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने को चुनौती देते हुए 9 उच्च न्यायालयों में दायर याचिकाओं को अपने पास स्थानांतरित कर लिया था. गेम्स 24×7, हेड डिजिटल वर्क्स, फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसी कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनी ने GST लगाए जाने को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था.