चेन्नई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कहा कि शिक्षित महिलाएं अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान दे सकती हैं, विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान कर सकती हैं और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं. मुर्मू ने यहां मद्रास विश्वविद्यालय के 165वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस समय लगभग 1.85 लाख छात्र विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध महाविद्यालयों में पढ़ रहे हैं और उनमें से 50 प्रतिशत से अधिक लड़कियां हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मद्रास विश्वविद्यालय लैंगिक समानता का एक ज्वलंत उदाहरण है।’’ ‘‘हम लड़कियों की शिक्षा में निवेश करके’’ अपने देश की प्रगति में निवेश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षित महिलाएं अर्थव्यवस्था में अधिक योगदान दे सकती हैं, विभिन्न क्षेत्रों का नेतृत्व कर सकती हैं और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं.
मुर्मू ने स्नातक की डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि यह क्षेत्र सभ्यता और संस्कृति का उद्गम स्थल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘तिरुक्कुरल सदियों से हम सभी का मार्गदर्शन कर रहा है।’’ उन्होंने कहा कि भक्ति काव्य की महान परंपरा तमिलनाडु से शुरू हुई और इसे भ्रमण करने वाले संत देश के उत्तरी हिस्से में लेकर गए. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के मंदिरों की वास्तुकला और उनकी मूर्तियां मानवीय उत्कृष्टता को दर्शाती हैं. इससे पहले मुर्मू को राजभवन में ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।