मुंबई। मिट्टी, कागज और अन्य सामग्री की मूर्तियों के बाद, मुंबई की एक डिजाइनर ने भगवान गणेश की चॉकलेट और विभिन्न प्रकार के मोटे अनाज से मूर्ति तैयार की है। हर साल, 10 दिवसीय गणपति उत्सव के लिए लोग सजावट आदि में अपनी रचनात्मकता का परिचय देते हैं, लेकिन सांताक्रूज़ निवासी रिंटू राठौड़ ने इस बार चॉकलेट, 9 प्रकार के मोटे अनाज और अन्य सामग्री से भगवान गणेश की 2 फुट की सुंदर मूर्ति बनाई है।
बप्पा की यह मूर्ति वृश्चिकासन मुद्रा में है। डिजाइनर राठौड़ ने कहा इस मुद्रा का उल्लेख हमारे पुराणों में मिलता है। मैंने हाल ही में प्राकृतिक चिकित्सा में एक पाठ्यक्रम पूरा किया है, इसलिए मैंने इन दोनों विचारों को मिला दिया है और इस मुद्रा में मूर्ति बनाई है। उन्होंने कहा कि मूर्ति कोको पाउडर और 9 प्रकार के मोटे अनाज से बनाई गई है, क्योंकि इस वर्ष को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मूर्ति बनाने के लिए सूखे अंजीर, काजू, बादाम, केसर, इलायची, गुड़ और खाने वाले गोंद के पेस्ट का भी इस्तेमाल किया गया है। 40 किलोग्राम वजनी इस मूर्ति को बनाने में 20 घंटे लगे और इसे पिघलने से बचाने के लिए वातानुकूलित कमरे में रखा गया है।
राठौड़ पिछले 12 वर्षो से चॉकलेट की मूर्तियां बना रही हैं और उन्होंने पहले इसके लिए खीर जैसी सामग्री का भी उपयोग किया है। इस अनूठी मूर्ति का विसर्जन भी असामान्य तरीके से किया जाएगा। राठौड़ ने कहा हम 11वें दिन मूर्ति का दूध में विसर्जन करते हैं और चॉकलेट युक्त यह दूध परिवार, दोस्तों और वंचित बच्चों को वितरित करते हैं। इस तरह हम सभी रीति-रिवाजों का पालन करते हैं और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते। इस बीच बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के एक अधिकारी ने कहा कि शनिवार को गणपति उत्सव के पांचवें दिन मुंबई में समुद्र तटों और कृत्रिम तालाबों में कम से कम 1,034 मूर्तियों का विसर्जन किया गया। मुंबई पुलिस ने विस्तृत व्यवस्था की है और महानगर के प्रत्येक विसर्जन स्थल पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। वहीं विसर्जन जुलूस के दौरान वाहनों का सुचारू प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए यातायात पुलिस को भी तैनात किया गया है।