राजद्रोह के केस में बांग्लादेश की जेल में बंद हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी को चट्टोग्राम की कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट में इस मामले में करीब 30 मिनट सुनवाई चली. जिसमें अदालत ने दोनों पक्षों को सुना. ऐसे में संत चिन्मय दास को अभी कुछ दिन और जेल में ही रहना होगा.
कोलकाता इस्कॉन के वीपी राधा रमन दास ने कहा, ”यह बेहद दुखद खबर है. हम जानते हैं कि पूरी दुनिया की नजर इस पर थी. सभी को उम्मीद थी कि नए साल में चिन्मय प्रभु को आजादी मिल जाएगी, लेकिन 42 दिन बाद भी आज सुनवाई में उनकी जमानत खारिज कर दी गई. बांग्लादेश सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसे न्याय मिले.”
#WATCH | Chinmoy Krishna Das Brahmachari, a former ISKCON leader was denied bail by Chattogram court in Bangladesh, today
— ANI (@ANI) January 2, 2025
Kolkata ISCKON VP Radha Raman Das says, "It's very sad news. We know that the entire world was keeping an eye on this. Everyone was expecting Chinmoy Prabhu… pic.twitter.com/Ltt6HUob2j
11 वकीलों ने की चिन्मय कृष्ण दास की पैरवी
चिन्मय दास के वकील की तबीयत खराब होने के कारण 11 वकीलों ने इस सुनवाई में भाग लिया. दरअसल चिन्मय दास के वकील रबिन्द्र घोष स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण कोलकाता के अस्पताल में भर्ती हैं. कोर्ट में पेश वकीलों ने हिंदू संत को जमानत देने की पैरवी की. लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.
राजद्रोह के आरोप में किया था गिरफ्तार
बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता दास को 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. चटगांव की एक अदालत ने 26 नवंबर को उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए जेल भेज दिया था जिसके बाद उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया था.
बांग्लादेश की नई सरकार में हिंदुओं पर बढ़े हमले
गौरतलब है कि अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारत और बांग्लादेश के संबंधों में तनाव व्याप्त है. भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की है. बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसक हमलों में हाल में वृद्धि हुई है.