Ayatollah Ali Khamenei: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई इजराइल और ईरान के बीच 12 दिन जारी रहे युद्ध के बाद शनिवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से नजर आए और उन्होंने आशुरा की पूर्व संध्या पर एक शोक समारोह में भाग लिया. ईरान और इजराइल के बीच हुए युद्ध के दौरान खामेनेई के सामने नहीं आने से ऐसे संकेत मिले कि ईरान के सर्वोच्च नेता किसी बंकर में छिपे हैं। हालांकि, सरकारी मीडिया ने अपनी किसी भी खबर में यह पुष्टि नहीं की थी.
मस्जिद में प्रवेश करते दिखे खामेनेई
ईरानी सरकारी टेलीविजन पर उन्हें नारे लगाती भीड़ की ओर हाथ हिलाते और सिर हिलाते हुए दिखाया गया. भीड़ उस वक्त उत्साहित हो गई जब उसने खामेनेई को राजधानी तेहरान में अपने कार्यालय और आवास के पास स्थित एक मस्जिद में प्रवेश करते देखा. इस दौरान संसद के अध्यक्ष जैसे शीर्ष नेता मौजूद थे, आमतौर पर ऐसे आयोजन कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित किए जाते हैं.
Iranian eulogist Mahmoud Karimi sang the patriotic song "Iran, Iran" upon Ali Khamenei's request, he said at the beginning of performing it at the Saturday ceremony.
— Iran International English (@IranIntl_En) July 5, 2025
Critics say the Islamic Republic selectively invokes patriotic and nationalist sentiments during times of war and… https://t.co/ieydKAg0cu pic.twitter.com/JyfhigFVLD
अमेरिका ने खामेनेई को दी थी चेतावनी
बता दें कि ईरान के 3 प्रमुख परमाणु स्थलों पर बमबारी करके अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 86 वर्षीय खामेनेई को सोशल मीडिया के माध्यम से चेतावनी दी थी और कहा था कि ‘अमेरिका जानता है कि ईरान के सर्वोच्च नेता कहां हैं लेकिन उसकी उन्हें मारने की कोई योजना नहीं है. वहीं, 26 जून को युद्धविराम शुरू होने के कुछ ही समय बाद खामेनेई ने अपना पहला सार्वजनिक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि तेहरान ने कतर में अमेरिकी एयरबेस पर हमला करके अमेरिका के चेहरे पर तमाचा मारा है.’
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