समस्तीपुर (बिहार), बेंगलुरु में आत्महत्या करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष के पिता ने उनके बेटे को परेशान करने वालों को कड़ी सजा दिए जाने की मांग करते हुए रविवार को कहा कि जब तक न्याय नहीं मिल जाता, तब तक वह अपने बेटे की अस्थियों को विसर्जित नहीं करेंगे.
सुभाष ने लगाया था प्रताड़ित करने का आरोप
समस्तीपुर जिला निवासी सुभाष का शव 9 दिसंबर को दक्षिण-पूर्व बेंगलुरु के मुन्नेकोलालु में उसके घर पर फंदे से लटका मिला था. सुभाष ने वीडियो और नोट में आरोप लगाया था कि उससे अलग रह रही उसकी पत्नी और ससुराल वालों ने झूठे मामलों में फंसाकर और ‘लगातार उत्पीड़न कर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया.
अतुल सुभाष के पिता ने कही ये बात
सुभाष के पिता पवन कुमार ने यहां पत्रकारों से कहा, ”मैं उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कर्नाटक पुलिस को धन्यवाद देता हूं. मेरे बेटे को परेशान करने वाले सभी लोगों को दंडित किया जाना चाहिए ताकि उसे न्याय मिल सके और उसकी आत्मा को शांति मिले. जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता, मैं अपने बेटे की अस्थियों का विसर्जन नहीं करूंगा.”
प्रधानमंत्री से की न्याय दिलाने की अपील
अतुल के पिता ने कहा, ”मेरे बेटे को पैसे के लिए परेशान किया जा रहा था और उसकी पत्नी उसे अपमानित कर रही थी. मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सभी संबंधित पक्षों से अनुरोध करता हूं. कृपया हमें न्याय दिलाएं.
अतुल की पत्नी और ससुरालवालों की गिरफ्तार
पुलिस ने रविवार को बताया कि अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया को हरियाणा के गुरुग्राम से और निकिता की मां निशा सिंघानिया और उसके भाई अनुराग सिंघानिया को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया.
अतुल के पिता ने मांगा पोते का संरक्षण
अतुल के पिता ने उनके 4 वर्षीय पोते का संरक्षण उन्हें दिए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा, ‘मेरा बेटा अंदर से टूट चुका था. अपनी पत्नी और ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के बाद भी उसने किसी को इस बारे में नहीं बताया. उसके ‘सुसाइड नोट’ में यह भी लिखा था कि उसके बच्चे के संरक्षण की जिम्मेदारी उसके माता-पिता को दी जानी चाहिए.”
कुमार ने कहा कि सुभाष को अपने बेटे के लिए 40,000 रुपये प्रति माह के भरण-पोषण का आदेश भी दिया गया था. उन्होंने कहा, ‘उसने हमारे और मेरे बेटे के खिलाफ कई झूठे मामले दर्ज किए. मेरे बेटे को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.’