Shubhanshu Shukla News : बेंगलुरु। अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने बृहस्पतिवार को लोगों से 2047 तक ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने की ज़िम्मेदारी लेने की अपील की। ग्रुप कैप्टन शुक्ला भारतीय वायुसेना के अधिकारी एवं परीक्षण पायलट हैं। उन्हें और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को ‘गगनयान’ मिशन के तहत अंतरिक्ष में भेजने के लिए चयनित और प्रशिक्षित किया गया है। गगनयान को 2027 में अंतरिक्ष में भेजे जाने की उम्मीद है।
2047 तक विकसित भारत का सपना पूरा करना हर नागरिक की जिम्मेदारी : शुक्ला
‘बेंगलुरु टेक समिट’ में एक सभा को संबोधित करते हुए शुक्ला ने कहा, ‘‘विकसित भारत-2047 के हमारे सपने को पूरा करने के लिए, आप सभी से मेरा बस यही आग्रह है कि आप ज़िम्मेदारी लें और सोचें कि ‘मैं भारत को 2047 में यहां से एक विकसित देश कैसे बना सकता हूं’।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत जल्द ही अपने नागरिकों को देश की धरती से एक भारतीय कैप्सूल (अंतरिक्ष यान) में भारतीय प्रक्षेपण रॉकेट के जरिये अंतरिक्ष में भेजेगा।’’ शुक्ला ने कहा, ‘‘और इसके लिए, आप सभी को एक साथ आना होगा और योगदान देना होगा। आपको सोचना होगा कि आप क्या कर सकते हैं, आप इसे कैसे कर सकते हैं – एक साधारण ‘स्ट्रॉ’ बनाने से लेकर एक जटिल जीवन रक्षक प्रणाली बनाने तक – भविष्य की ओर बढ़ने के लिए सब कुछ जरूरी है।’’
शुक्ला ने लोगों को याद दिलाया कि भारत में पहले से ही 300 से अधिक स्टार्टअप हैं जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में सक्रियता से काम कर रहे हैं। उनके अनुसार, स्टार्टअप की संख्या तेजी से बढ़ने वाली है और भविष्य में इस मिशन को पूरा करने के लिए पूरे देश को प्रयास करने की जरूरत होगी। अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है, इस बारे में उन्होंने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप तीन समुद्रों – बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर और अरब सागर से घिरा हुआ है। शुक्ला ने अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा एक्सिओम-4 मिशन के तहत की थी। यह एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष यान है जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का सहयोग प्राप्त है। इसे ‘एक्सिओम स्पेस’ संचालित करता है। उन्होंने एक छोटा वीडियो क्लिप दिखाया, जिसमें रात के समय बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद और दूसरे बड़े शहर अंतरिक्ष से जगमगाते नजर आ रहे हैं।
ग्रुप कैप्टन ने कहा, ‘‘मैं आपसे बस इतना ही कह सकता हूं कि आपने देखा कि अभी अंतरिक्ष से भारत कितना जगमग दिख रहा है, लेकिन आप सभी से मिलने और इतने सारे लोगों से बात करने के बाद, मैं आपको यकीन दिला सकता हूं कि हमारा भविष्य इससे कहीं ज़्यादा उज्ज्वल है।’’ उन्होंने यह कहते हुए अपनी बात खत्म की, ‘‘कोई क्या हासिल कर सकता है, इसकी कोई सीमा नहीं है। न मेरे लिए, न आपके लिए और न ही भारत के लिए।’’




