हांगझोउ। भारत की महिला टीम ने गुरुवार को कड़े मुकाबले में एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता जबकि पुरुष टीम को खिताब के लिए अधिक पसीना नहीं बहाना पड़ा जिससे भारत के कंपााउंड तीरंदाजों ने तीनों टीम स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतकर क्लीन स्वीप किया। भारत ने इस तरह एशियाई खेलों की तीरंदाजी स्पर्धा में अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ अभियान को आगे बढ़ाया।
महिला कंपाउंड टीम ने पिछड़ने के बाद वापसी करते रोमाचंक फाइनल में चीनी ताइपे को 1 अंक से हराया। ज्योति सुरेखा वेन्नम, अदिति स्वामी और परनीत कौर की शीर्ष वरीय गत विश्व चैंपियन टीम ने फाइनल में अंतिम चरण में 60 में से 60 अंक के परफेक्ट स्कोर के साथ चीनी ताइपे की तीसरी वरीय जोड़ी को 230-229 से हराया। गत चैंपियन दक्षिण कोरिया को हराने के बाद चेन यी सुआन, हुआंग आई जो और वैंग लू युन की चीन की तिकड़ी आत्मविश्वास से भरी थी। आखिरी 3 तीर से पहले स्कोर 200-200 से बराबर था। अदिति और परनीत के रूप में 2 किशोरियों की मौजूदगी वाली भारतीय टीम ने इसके बाद 3 10 अंक से 30 अंक जुटाए।
दबाव अब चीनी ताइपे की टीम पर था जिसे मुकाबले को शूट ऑफ में खींचने के लिए 30 अंक की जरूरत थी। चीनी ताइपे की खिलाड़ी ने पहले ही प्रयास में 9 अंक पर निशाना साधा जिससे भारत की जीत तय हो गई। 2 महीने पहले विश्व चैंपियनशिप जीतने के बाद भारतीय महिला कंपाउंड टीम ने एशियाई चैंपियन बनकर अपना दबदबा बरकरार रखा। दोपहर के सत्र में अभिषेक वर्मा, ओजस देवताले और प्रथमेश जावकर की तिकड़ी ने दक्षिण कोरिया को 235-230 से हराकर स्वर्ण पदक के साथ तीरंदाजी में भारत को छठा पदक दिलाया। बुधवार को भारत की मिश्रित कंपाउंड टीम ने भी स्वर्ण पदक जीता था।
भारत का एशियाई खेलों की तीरंदाजी प्रतियोगिता में यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। देश ने पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इंचियोन में 2014 में किया था जब उसने 1 स्वर्ण, 1 रजत और 1 कांस्य पदक जीता था। देवताले और वर्मा पुरुष कंपाउंड वर्ग के फाइनल में जगह बनाकर भारत के लिए 2 और पदक पक्के कर चुके हैं। ज्योति ने भी महिला कंपाउंड व्यक्तिगत फाइनल में जगह बनाकर पदक पक्का किया है। ज्योति ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद कहा हम खुश हैं क्योंकि यह पहली बार है जब हमने कंपाउंड महिला वर्ग में एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता है। हम बेहद खुश हैं और दर्शकों के आभारी हैं जो यहां हमारी हौसलाअफजाई कर रहे थे और स्वदेश में टीवी पर मुकाबला देख रहे थे। शनिवार को मेरा व्यक्तिगत फाइनल है इसलिए मेरी नजरें उसमें भी स्वर्ण पदक पर हैं।
भारतीय महिला टीम ने इससे पहले सेमीफाइनल में चौथे वरीय इंडोनेशिया को 233-219 से हराया जबकि क्वार्टर फाइनल में हांगकांग के खिलाफ 231-220 की आसान जीत दर्ज की। रतीह जिलिजाती फादली, सयाहारा खोएरुनिसा और श्री रांती की मौजूदगी वाली इंडोनेशिया की टीम ने कजाखस्तान की मजबूत टीम को 232-229 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। भारतीय टीम ने इंडोनेशिया पर शुरुआत से ही दबाव बनाया और शुरुआती सेट में सभी 6 तीर 10 अंक पर मारे। इंडोनेशिया की टीम 51 अंक ही जुटा सकी जिससे भारतीय टीम ने 9 अंक की बढ़त बनाई।
इंडोनेशिया की टीम इस खराब शुरुआत से उबर नहीं पाई। दूसरे सेट के बाद भारतीय टीम ने 14 अंक की बड़ी बढ़त बना ली जिसके बाद उसे जीत दर्ज करने में कोई परेशानी हुई है। हांगकांग के खिलाफ भारतीय टीम ने धीमी शुरुआत की। भारतीय तिकड़ी ने शुरुआत में 2 अंक की बढ़त बनाई लेकिन चेन हुंग टिंग, वोंग सुक स्युन और लुक यिन यी की पांचवीं वरीय जोड़ी ने 57-57 पर स्कोर बराबर कर लिया।
भारतीय तिकड़ी ने हालांकि तीसरे चरण में सिर्फ 1 अंक गंवाया और 8 अंक की मजबूत बढ़त बना ली। हांगकांग ने अंतिम चरण में एक निशाना 8 अंक पर लगाया जिसके बाद भारत की राह और आसान हो गई। सत्रह साल की अदिति ने अंतिम शॉट से पहले ही 10 अंक के साथ भारत की जीत सुनिश्चित की। ज्योति ने अंतिम प्रयास में 9 अंक जुटाए लेकिन इससे पहले ही भारत की जीत तय हो चुकी थी। देवताले, प्रथमेश और वर्मा की दूसरी वरीय पुरुष टीम ने भी फाइनल के सफर के दौरान 2 आसान जीत दर्ज की। टीम ने क्वार्टर फाइनल में भूटान को 235-221 से हराने के बाद सेमीफाइनल में चीनी ताइपे को हराया।