नई दिल्ली। राजस्थान विधानसभा चुनावों में जनता के नकारे जाने के बाद कार्यवाहक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से जुड़े मानहानि मामले में भी बड़ा झटका लगा है। दिल्ली के राउज एवेन्यू सेशन कोर्ट ने मानहानि के मामले में गहलोत के खिलाफ ट्रायल को मंजूरी दे दी। गहलोत ने मानहानि मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से जारी समन को चुनौती दी थी। अदालत ने गहलोत की ओर से दायर पुनरीक्षण याचिका को सिरे से नकार दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एमके नागपाल ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ दाखिल गहलोत की अपील खारिज करते हुए कहा कि आदेश में कोई तथ्यात्मक गलती, अवैधता या निष्कर्ष की कमी नहीं है। न्यायाधीश ने कहा, उपरोक्त आपराधिक शिकायत में एसीएमएम (अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट) द्वारा 6 जुलाई, 2023 को पारित आदेश में कोई तथ्यात्मक गलती, अवैधता या निष्कर्ष की कमी नहीं है। सुनवाई के बाद 64 पेज के अपने ऑर्डर में सेशन कोर्ट ने समन के आदेश को बरकरार रखा। यानी अशोक गहलोत को अब मानहानि मामले में ट्रायल का सामना करना पड़ेगा। शेखावत के वकील आदित्य विक्रम सिंह ने बताया कि 6 जुलाई को गहलोत को अदालत की ओर से जारी समन से यह स्पष्ट होता है कि गहलोत प्रथम दृष्टया इस पूरे मामले में दोषी है। यदि ट्रायल के बाद वो दोषी करार दिए जाते हैं तो उन्हें जेल होने के साथ विधानसभा की सदस्यता खतरे में पड़ सकती है।
जानें आखिर क्या है यह पूरा माला
गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर बार-बार संजीवनी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था। इसी साल जोधपुर में हुए सार्वजनिक कार्यक्रम में सीएम गहलोत ने कहा था कि संजीवनी घोटाले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनका परिवार भी शामिल था। उनके इस बयान के बाद शेखावत ने इसी साल 3 मार्च को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में मानहानि का मामला दायर किया था, जिसमें केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि आरोप निराधार है। अब तक पेश चार चार्जशीट में ना तो उनका ना ही उनके किसी परिवार के सदस्य का नाम आया है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जांच के आधार पर 6 अगस्त को अशोक गहलोत को समन जारी किया था। गहलोत ने रिवीजन कोर्ट में समन को चुनौती दी थी, जिसे बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने खारिज कर दिया, यानी अब कार्यवाहक मुख्यमंत्री को ट्रायल का सामना करना ही पड़ेगा। शेखावत ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि गहलोत ने संवाददाता सम्मेलनों, मीडिया में आईं खबरों और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन्हें राज्य में संजीवनी घोटाले से जोड़कर सार्वजनिक रूप से बदनाम किया। यह मामला संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा हजारों निवेशकों को कथित तौर पर लगभग 900 करोड़ रुपये का चूना लगाए जाने से संबंधित है।
पूरे मामले में अब तक क्या-क्या हुआ
- फरवरी 2023 में अशोक गहलोत ने संजीवनी मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को दोषी बताया था।
- 3 मार्च 2023 को केंद्रीय मंत्री ने गहलोत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया।
- दिल्ली पुलिस की जांच के आधार पर कोर्ट ने 6 अगस्त को गहलोत के खिलाफ समन जारी किया।
- गहलोत ने समन के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया।
- बुधवार को राउज एवेन्यू अदालत ने गहलोत की याचिका खारिज कर दी। ट्रायल चलाने को मंजूरी दे दी।