Asaram Bapu Bail : सामूहिक दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम बापू को बड़ी राहत मिली है। जोधपुर हाईकोर्ट ने उनकी खराब तबीयत को देखते हुए 6 महीने की अंतरिम जमानत मंजूर कर दी है। आसाराम की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने पैरवी की, जबकि राज्य सरकार की ओर से दीपक चौधरी और पीड़िता की ओर से पी.सी. सोलंकी ने अदालत में पक्ष रखा।
इस वजह से मिली आसाराम को 6 महीने की जमानत
आसाराम ने मेडिकल ग्राउंड पर जमानत की याचिका दायर की थी, जिसमें उनकी उम्र और बिगड़ते स्वास्थ्य को आधार बनाया गया था। राजस्थान हाईकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय प्रकाश शर्मा और न्यायमूर्ति संगीता शर्मा की खंडपीठ ने मेडिकल रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद यह राहत दी। अदालत ने कहा कि स्वास्थ्य कारणों को ध्यान में रखते हुए उन्हें छह महीने की अंतरिम राहत दी जा रही है।
बता दें कि अगस्त 2013 में एक 16 वर्षीय लड़की ने आसाराम पर राजस्थान के जोधपुर के पास अपने आश्रम में उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। पीड़ित लड़की के माता-पिता ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके कारण 31 अगस्त, 2013 को आसाराम को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद, अप्रैल 2018 में, जोधपुर की एक अदालत ने आसाराम को नाबालिग के बलात्कार के लिए दोषी ठहराया, और उसे भारतीय दंड संहिता, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

आसाराम की पूर्व शिष्या ने भी लगाए उत्पीड़न का आरोप
आसाराम बापू के खिलाफ यौन शोषण के मामले लगातार सामने आते रहे हैं। अक्टूबर 2013 में सूरत की एक महिला, जो उनकी पूर्व शिष्या थी, ने गंभीर आरोप लगाए। आसाराम पर अहमदाबाद के मोटेरा में अपने आश्रम में 2001 से 2006 के बीच बार-बार यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। इसके बाद एक और कानूनी मामला सामने आया, जिसका समापन जनवरी 2023 में हुआ जब गांधीनगर की एक अदालत ने आसाराम को बलात्कार के लिए दोषी ठहराया, जो इस तरह के आरोपों पर उनकी दूसरी सजा थी। इन सजाओं के अलावा, आसाराम के बेटे नारायण साईं पर भी इसी तरह के आरोप लगे है।




