नई दिल्ली, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मंगलवार को इस्तीफा देने की संभावना के मद्देनजर उससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) विधायक दल की सुबह 11.30 बजे बैठक होगी,जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा की जाएगी. केजरीवाल शाम 4.30 बजे उपराज्यपाल वी के सक्सेना से मुलाकात करेंगे और इसी दौरान उनके इस्तीफा सौंपने की संभावना है.
अरविंद केजरीवाल ने कही थी ये बात
आबकारी नीति मामले में जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने रविवार को कहा था कि वह 48 घंटे के भीतर इस्तीफा दे देंगे और दिल्ली में जल्द चुनाव कराने की मांग करेंगे. उन्होंने कहा था कि जब तक लोग उन्हें ‘‘ईमानदारी का प्रमाणपत्र’’ नहीं दे देते, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे.केजरीवाल ने कहा था कि वह कुछ दिनों में आप विधायकों की बैठक करेंगे और पार्टी का कोई नेता मुख्यमंत्री बनेगा.
मुख्यमंत्री के नाम पर चला मंथन
‘आप’ ने सोमवार को कई बैठकें कीं. केजरीवाल ने पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था-राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) के सदस्यों से अपने आधिकारिक आवास पर ‘एक-एक करके’ बैठकें कीं और अगले मुख्यमंत्री को लेकर उनकी राय मांगी. उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी की पसंद के बारे में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा सहित वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी.
CM पद के संभावित दावेदार
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदारों के रूप में दिल्ली के मंत्रियों आतिशी, गोपाल राय, कैलाश गहलोत और सौरभ भारद्वाज के नाम चर्चा में हैं. उन्होंने बताया कि केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल भी दावेदार माने जा रहे है.उन्होंने बताया कि दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष राखी बिड़लान और कोंडली से विधायक कुलदीप कुमार भी संभावित दावेदार हैं.‘आप’ सूत्रों ने कहा कि इनके अलावा अल्पसंख्यक समुदाय के किसी सदस्य को भी मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है क्योंकि पार्टी ने 2020 के दिल्ली दंगों के बाद से समुदाय में अपने समर्थन में कमी देखी है. उन्होंने कहा कि ऐसे परिदृश्य में दिल्ली के मंत्री इमरान हुसैन को चुने जाने की भी संभावना है.
BJP ने इस्तीफे को लेकर कही ये बात
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना सिद्धांतों का पालन नहीं, बल्कि मजबूरी में लिया गया फैसला है.